MP Weather: मध्यप्रदेश में ठंड के तेवर कुछ बदले हैं, लेकिन लोगों को अभी राहत नहीं मिल पाई है। शीतलहर का असर भले ही कुछ कमजोर पड़ा हो, पर घने कोहरे और लगातार गिरते तापमान ने जनजीवन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राजधानी भोपाल में इस मौसम की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई, जहां न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। मौसम विभाग के अनुसार यह वर्ष 2016 के बाद पिछले दस वर्षों में तीसरी सबसे सर्द रात रही।
50 मीटर बाद दृश्यता लगभग शून्य
सुबह के समय रीवा, मुरैना और रायसेन में घना कोहरा छाया रहा, जिससे 50 मीटर के बाद दृश्यता लगभग शून्य हो गई। राजधानी भोपाल में सुबह विजिबिलिटी 500 मीटर से एक किलोमीटर के बीच रही, जबकि दोपहर तक भी दो से ढाई किलोमीटर से आगे देख पाना कठिन बना रहा। छतरपुर के नौगांव में दृश्यता 500 मीटर से एक किलोमीटर दर्ज की गई, वहीं ग्वालियर, नर्मदापुरम, खजुराहो और मंडला में यह एक से दो किलोमीटर के बीच रही। इंदौर, सागर, उज्जैन और जबलपुर सहित अन्य शहरों में दृश्यता दो से चार किलोमीटर तक सीमित रही।
प्रदेश के कई हिस्सों में रात का पारा गिरा
प्रदेश के अनेक इलाकों में रात के तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई। इंदौर में न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि ग्वालियर और जबलपुर में यह 9 डिग्री तथा उज्जैन में 9.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंड के साथ छाए घने कोहरे ने जनजीवन और यातायात व्यवस्था को भी प्रभावित किया। विशेष रूप से रीवा, सतना और सीधी में घना कोहरा देखने को मिला, जहां दृश्यता घटकर 200 से 500 मीटर के बीच रह गई।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के अधिकांश शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। नौगांव, राजगढ़, रीवा, रायसेन, मलाजखंड और उमरिया सहित कई जिलों में कड़ाके की ठंड महसूस की गई। विभाग ने सुबह के समय घने कोहरे के कारण वाहन चालकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। कुल मिलाकर, मध्यप्रदेश में शीतलहर का असर भले ही कम हुआ हो, लेकिन ठंडी रातें और घना कोहरा फिलहाल लोगों को राहत नहीं दे रहे हैं।









