मध्य प्रदेश विधानसभा की 69वीं वर्षगांठ के अवसर पर 17 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की पहल पर एक दिवसीय विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। यह सत्र विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध मध्यप्रदेश के विजन को केंद्र में रखकर आयोजित होगा, जिसमें भाजपा और कांग्रेस के वक्ता अपने विचार रखेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने बताया कि 17 दिसंबर विधानसभा के इतिहास में एक अहम तिथि है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1956 में प्रदेश की विधानसभा की पहली बैठक संपन्न हुई थी। इस ऐतिहासिक दिन पर आयोजित विशेष सत्र के दौरान सभी सदस्य विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए आवश्यक कदमों और भविष्य की दिशा पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन विकसित मध्यप्रदेश के लक्ष्य को हासिल करना आने वाले समय में सभी की साझा जिम्मेदारी है।
एक दशक बाद विधानसभा में विशेष सत्र
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश विधानसभा में लगभग दस वर्षों के अंतराल के बाद विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। इससे पूर्व वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में ऐसा सत्र आयोजित हुआ था। इसके अलावा, वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन तथा वर्ष 1997 में स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर भी विधानसभा के विशेष सत्र बुलाए गए थे।
सरकार ने वर्ष 2047 तक मध्य प्रदेश को विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है। इस विशेष सत्र के दौरान जनप्रतिनिधियों से इस रोडमैप पर सुझाव और विचार आमंत्रित किए जाएंगे। उद्देश्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हुए समावेशी और सतत विकास को नई गति देना है।
राज्यपाल करेंगे प्रदर्शनी का उद्घाटन
विशेष सत्र के अवसर पर विधानसभा परिसर में मध्य प्रदेश विधानसभा की सात दशकों की यात्रा और राज्य सरकार के पिछले दो वर्षों के कार्यों को दर्शाने वाली एक भव्य चित्र प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 17 दिसंबर को प्रातः 10 बजे राज्यपाल मंगुभाई पटेल द्वारा किया जाएगा।
उद्घाटन समारोह में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित मंत्रीगण, विधायक, पूर्व विधायक और अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहेंगे।
प्रदर्शनी में कुल 136 चित्र प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें कई दुर्लभ और ऐतिहासिक छायाचित्र शामिल हैं। ये चित्र प्रथम विधानसभा से लेकर वर्तमान सोलहवीं विधानसभा तक के प्रमुख अवसरों और घटनाक्रमों को दर्शाते हैं। इसके साथ ही, प्रदर्शनी में राज्य सरकार के बीते दो वर्षों के विकास कार्यों की उपलब्धियों की झलक भी प्रस्तुत की गई है। यह चित्र प्रदर्शनी प्रदेश के पांच हजार से अधिक जनप्रतिनिधियों के योगदान को भी रेखांकित करती है।









