इंदौर। इंदौर ने एक बार फिर इतिहास रच दिया। इंदौर स्वछता के विषय में तो नंबर 1 था ही इसके बाद अब इंदौर ने वाटर प्लस का ताज भी हासिल कर लिया है। बता दें कि, केंद्र सरकार ने इंदौर को वाटर प्लस शहर घोषित किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत इंदौर में पिछले दिनों वाटर प्लस सर्वे किया गया था। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की सर्वे टीम ने वाटर प्लस के मानकों के हिसाब से शहर की सुविधाओं को परखा था। इसके साथ-साथ शहर में ओडीएफ डबल प्लस का सर्वे भी किया गया।
इस दौरान नदी-नालों में जहां भी गंदा पानी आ रहा है उसे रोकने की कवायद की गई थी। गौरतलब है कि 6000 अंकों के स्वच्छ सर्वे में वाटर प्लस के 700 नंबर थे। सेवन स्टार रेटिंग पाने के लिए किसी भी शहर को वाटर प्लस सर्वे प्रमाण पत्र जरूरी है। इसी सर्वे के लिए नगर निगम ने इंदौर की कान्ह और सरस्वती नदियों के साथ उनसे जुड़े छह नालों की सफाई कर उनमें मिलने वाले घरेलू गंदे पानी की आवक रोकी है।
वहीं अधिकारियों के अनुसार इंदौर के लिए यह सर्वे प्रतिष्ठापूर्ण रहा, क्योंकि इंदौर शहर का दावा सबसे मजबूत था। सर्वे टीम ने खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) डबल प्लस का सर्वे भी किया। इसमें शहर के शौचालयों और यूरिनल की जांच की गई। इसमें देखा गया कि सभी शौचालयों और यूरिनल में फ्लश, हाथ धोने, लाइट और मानक स्तर की अन्य सुविधाएं हैं या नहीं। बता दें कि, इस सर्वे में वाटर प्लस के साथ ओडीएफ प्लस प्लस के 1100 नंबर थे। सर्वे टीम शहर के नदी-नालों की स्थिति को भी कसौटी पर परखा गया। इंदौर शहर में स्वच्छ और सेवन स्टार का सर्वे तो लाकडाउन के पहले हो चुका था, लेकिन वाटर प्लस और ओडीएफ प्लस प्लस सर्वे नहीं हो पाया था।
आपको बता दें कि, देश का इंदौर इकलौता पहला शहर है, जिसे वाटर प्लस का मुकाम हासिल किया है। साथ ही इसका श्रेय कलेक्टर मनीष सिंह व निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल को जाता है। इनका साथ एडिशनल कमिश्नर संदीप सोनी ने हर मोर्चे पर दिया। कलेक्टर कमिश्नर की माइक्रो प्लानिंग की बदौलत ही इंदौर ने वाटर प्लस का ताज हासिल कर लिया है।
साथ ही कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के वाटर प्लस प्रोटोकॉल की गाइडलाइन अनुसार नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा शहर की कान्ह सरस्वती नदी एवं शहर में बहने वाले छोटे बड़े 25 नालों में छूटे हुए 1746 सार्वजनिक एवं 5624 घरेलू सीवर आउट फॉल की टैपिंग कर नदी नालों को सीवर मुक्त किया गया।
आयुक्त नगर निगम इंदौर प्रतिभा पाल ने बताया है कि सीवरेज ट्रीटमेंट हेतु शहर में सात एसटीपी का निर्माण कार्य किया गया एवं एसटीपी से 110 एमएलडी ट्रीटेड वॉटर का उपयोग किया जा रहा है। वाटर प्लस प्रोटोकॉल की गाइडलाइन अनुसार शहर में 147 विशेष प्रकार के यूरिनल का निर्माण किया गया तथा तालाब, कुओं तथा समस्त वॉटर बॉडी की सफाई का कार्य भी किया गया है।