मध्यप्रदेश के 94 हजार से ज्यादा आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों, गर्भवती एवं धाती माताओं और सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए बनने वाले खाने में अब डबलफोर्टिफाइड नमक का उपयोग किया जाएगा। बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के करीब 20 जिलों में दो साल से इस नमक का प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल हो रहा था। ऐसे में इसके अच्छे परिणाम देखते हुए अब लगातार इसके इस्तेमाल के लिए ही फैसला ले लिया गया है। अब ये रोजाना बच्चों, गर्भवती-धाती माताओं और मरीजों के खाने में इस्तेमाल किया जाएगा।
इसको लेकर सरकार ने ये दावा किया है कि इसके इस्तेमाल से रक्ताल्पता में पांच फीसद की कमी आई है। दरअसल, छह से 59 माह के 68.9 फीसद बच्चे, 15 से 49 साल की 52.4 फीसद महिलाएं, 54 फीसद गर्भवती एवं 15 से 49 साल के 25.5 फीसद पुरुष खून की कमी के शिकार हैं। ऐसे में उनको देखते हुए इसका फैसला लिया गया है। बताया जा रहा है कि लगातार प्रदेश में रक्ताल्पता को कम करने के प्रयास किया जा रहा है।
दरअसल, राज्य सरकार ऐसे बच्चे, महिला और पुरुषों को अनुपूरक के रूप में आयरन फोलिक एसिड दे रही है। वहीं फूड फोर्टिफिकेशन की रणनीति के तहत डबल फोर्टिफाइड नमक दिया जा रहा है। ऐसे में वर्ष 2018 में 20 जिलों के 89 विकास खंड़ों में उचित मूल्य राशन के साथ सरकार ने ये नमक देना शुरू कर दिया था। जिसके बाद उनका सर्वे किया और हाल ही में दोबारा सर्वे किया, तो अंतर सामने आया है। ऐसे में अब मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन ने आंगनवाड़ी, स्कूल और सरकारी अस्पतालों में तैयार होने वाले आहार में इस नमक के इस्तेमाल का बढ़ावा देने की रणनीति तैयार कर रही है।