लखनऊ: आज सीबीआई ने अखिलेश सरकार की महत्वाकांक्षी सरकार की योजनाओं में से एक गोमती रिवर फ्रंट में हुए घोटाले की जांच की, जिसमें परियोजना से जुड़े 190 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके साथ ही यूपी, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 40 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई है। इनमें कई सुपरिंटेंड इंजीनियर और अधिशासी इंजीनियर शामिल हैं। वहीं सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मुकदमे को आधार बनाकर 30 नवंबर 2017 में नया मुकदमा दर्ज किया था।
गौरतलब है कि इस घोटाले की सीबीआई जांच कर रही हैं। वहीं प्रारंभिक जांच के अनुसार, प्रोजेक्ट में मनमाने तरीके से खर्च दिखाकर सरकारी धन की बंदरबांट की गई है। यह प्रोजेक्ट लगभग 1513 करोड़ रुपये का था। फिर भी 60 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो पाया है और 1437 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। साथ ही आरोप यह भी लगाया गया है कि जिस कंपनी को इस काम का ठेका दिया गया था, वह पहले से डिफॉल्टर थी।
बता दें योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस घोटाले की बात सामने आने पर सरकार ने न्यायिक जांच बैठा दी थी। वहीं जांच में दोषी पाए गए इंजीनियरों और अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने की संस्तुति की थी। इसके बाद 19 जून 2017 को सिंचाई विभाग के अधिशासी ने धोखाधड़ी के साथ अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद सीबीआई को यह जांच सौंप दी गई।