आईआईएम इंदौर के चार प्रमुख कार्यक्रमों – प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी 2021-23), मानव संसाधन प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपीएचआरएम 2021-23), प्रबंधन में एकीकृत कार्यक्रम (चौथा वर्ष-आईपीएम 2018- 23) और फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (एफपीएम बैच 2021) का ऑनलाइन उद्घाटन 29 जून, 2021 को हुआ। प्रो. हिमाँशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर ने ऑनलाइन कार्यक्रम का उद्घाटन किया। डॉ. आर.एस. सोढ़ी, प्रबंध निदेशक, जीसीएमएमएफ (अमूल) इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। प्रो. रोहित कपूर, चेयर, पीजीपी और प्रो. जतिन पांडे, चेयर, पीजीपीएचआरएम भी इस मौके पर मौजूद रहे।
‘पी.जी.पी.’ का एक नया अर्थ साझा करते हुए, प्रो. राय ने अपने उल्लेख किया कि पहला पी ‘पर्पस’ यानि ‘उद्देश्य’ के लिए है; जी ‘ग्रिट’ यानि ‘धैर्य’के लिए है और दूसरा पी ‘पैशन’ यानि ‘जुनून’ को संबोधित करता है। उन्होंने कहा कि ज़िन्दगी में उद्देश्य दृष्टि और कल्पना का गठन करता है। दृष्टि आपको आपके जीवन की सही दिशा में ले जाती है।’
उन्होंने कहा कि हम सभी के पास ‘विजन’ यानि दृष्टि होना चाहिए और हमें यह परिभाषित करना चाहिए कि आप एक विशेष दिशा में कहाँ और क्यों जा रहे हैं। इसके साथ कल्पना भी आवश्यक है, जिससे आप समझ सकें कि आप कैसी दुनिया में रहना चाहते हैं, और उस दुनिया को बनाने की ओर अग्रसर हो सकें।‘ग्रिट’ बारे में उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत जरूरी है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। ‘केवल कड़ी मेहनत पर्याप्त नहीं होगी; आपको भी दृढ़ रहने की जरूरत है।
आप कई बार असफल हो सकते हैं, लेकिन आप ‘असफल’ तभी होते हैं जब आप प्रयास करना ही बंद कर देते हैं। इसलिए कभी हार मत मानो’, उन्होंने समझाया। दूसरे ‘पी’ की व्याख्या करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार ‘जुनून’ हमें सत्यनिष्ठा देता है, हम जो कुछ भी करते हैं उसे करने की सही भावना देता है, ताकि हम वही करें जो सही है। ‘विचार की प्रक्रिया और प्रयासों को दिशा देने के लिए मानव मन को नियंत्रित करने की आवश्यकता है; इसी से हम सार्थकता प्राप्त करेंगे। इसलिए, सार्वजनिक लाभ की दिशा में सोचते हुए अगर हमें आगे बढ़ना है तो जुनून और करुणा बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं’, उन्होंने कहा।
डॉ. आर.एस. सोढ़ी ने अपने संबोधन में उल्लेख किया कि वर्तमान समय नयी बैच के लिए अप्रत्यक्ष रूप से लाभकारी सिद्ध होगा, क्योंकि महामारी के दौरान वे ये समझ सकेंगे कि आने वाले समय में व्यवसायों पर क्या असर पड़ेगा और परिस्थितियों में अनिश्चितता कैसी होगी । ‘आपका भविष्य भारत के भविष्य पर निर्भर करता है। हमारा देश अभी 30-40 साल की मंदी से उभर रहा है, लेकिन हमारी सबसे बड़ी संपत्ति 1.35 अरब आबादी है, जो 2060 तक करीब 1.65 अरब हो जाएगी।
आज हमारी जीडीपी 3 ट्रिलियन डॉलर है जो दुनिया का छठा हिस्सा है; लेकिन अगले 10 वर्षों में यह 6.5 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा। यहाँ देश के लिए युवा जनशक्ति बेहद फायदेमंद है’, उन्होंने कहा। भारत में 65 प्रतिशत कामकाजी आबादी होगी और प्रबंधन शिक्षा वाले लोगों के लिए बहुत सारे अवसर खुलेंगे। ‘असमानता के साथ विकास हमारे देश के लिए खतरनाक हो सकता है, और हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि शहरी और ग्रामीण भारत एक साथ आगे कैसे बढ़े। एक प्रबंधन स्नातक के रूप में, इन असमानताओं का समाधान खोजना महत्वपूर्ण है’, उन्होंने कहा।
उन्होंने अमूल के सफलता के मन्त्र साझा करते हुए बताया कि ‘निरंतरता’ से ही अमूल एफएमसीजी क्षेत्र में अग्रणी कंपनियों में से एक बन सका है। ‘व्यावसायिक उद्देश्यों के संदर्भ में संगति; दृष्टि, जुनून और दृढ़ता; सभी हितधारकों और जनशक्ति और मानव संसाधन प्रथाओं के साथ संचार में निरंतरता किसी भी व्यवसाय को सफलता प्राप्त करने में मदद करेगी’, उन्होंने कहा। उन्होंने नए बैच के प्रतिभागियों को सलाह दी कि सफलता के लिए कोई ‘शॉर्टकट’ नहीं है। ‘जीवन एक मैराथन है।
अपने करियर के पहले पांच वर्षों में तेजी से दौड़ना बाद में सफलता सुनिश्चित नहीं करता है। अब आपको यह तय करने की जरूरत है कि आप किस चीज के लिए जुनूनी हैं, आप क्या हासिल करना चाहते हैं और आप अपना भविष्य कैसा चाहते हैं’, उन्होंने कहा। चार दिवसीय ऑनलाइन इंडक्शन प्रोग्राम के दौरान नए बैचों को अपने संबंधित प्रोग्राम चेयर और आईटी, लर्निंग सेंटर, हॉस्टल और स्टूडेंट अफेयर्स, आईसीसी और पीओएसएच, मेडिकल सेंटर आदि सहित विभिन्न विभागों से ब्रीफिंग प्राप्त होगी। नियमित कक्षाएं 5 जुलाई, 2021 से शुरू होंगी।नए बैच का सारांश इस प्रकार है:
Programme Male Female Total
PGP 327 163 490
PGPHRM 11 5 16
FPM 13 6 19
IPM 4th Year 75 27 102
Total 426 201 627