Indore: इंदौर में हाई-टेक रेलवे जांच, पटरियों की हो रही सोनोग्राफी, एक घंटे में 20 किमी ट्रैक हुआ स्कैन

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By Abhishek SinghPublished On: January 29, 2025

रेलवे विभाग ने दिल्ली से मुंबई तक के रेलवे ट्रैक की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। करीब 70,000 किलोमीटर लंबी पटरियों की मजबूती का आकलन करने के लिए उनकी सोनोग्राफी की जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत, पटरियों पर विशेष मशीनें चलाई जा रही हैं, जो अल्ट्रासाउंड तकनीक का उपयोग करके ट्रैक की स्थिति का विश्लेषण करती हैं।


इस तकनीक से पटरियों में जंग लगने की स्थिति, वेल्डिंग की गुणवत्ता और कमजोर हिस्सों का सटीक पता लगाया जा रहा है। जांच के लिए उन्नत अल्ट्रासोनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो ट्रैक की सुरक्षा और स्थायित्व सुनिश्चित करने में मदद करेंगी।

इंदौर के मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक और तीन पर मशीनों की मदद से पटरियों की जांच की जा रही है। यह कार्य तब किया जाता है जब ट्रैक पर ट्रेनों का आवागमन बंद होता है। जांच प्रक्रिया में चार से पांच कर्मचारियों की एक टीम शामिल होती है, जो पटरियों की स्थिति का आकलन करती है।

पटरियों की जांच के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग और ट्रैक रिकॉर्डिंग कार तकनीक का भी उपयोग किया जाता है, लेकिन अल्ट्रासाउंड टेस्ट पर आधारित यह स्वदेशी तकनीक कहीं ज्यादा उन्नत और आधुनिक मानी जाती है।

यह मशीन, जिसकी लागत आठ से दस लाख रुपये है, एक दिन में आसानी से 50 से 80 किलोमीटर ट्रैक की जांच कर सकती है। इसे पटरियों पर रखकर चलाया जाता है, और जैसे ही ट्रैक में कोई कमजोरी पाई जाती है, उस स्थान का ठीक से पता लगाने के लिए निकटवर्ती रेलवे स्टेशन की दूरी मापी जाती है। फिर, उस स्थान को निशान लगाकर टीम आगे की जांच के लिए भेजी जाती है।