भारत के स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल ने आगामी रणजी ट्रॉफी के छठे दौर के मुकाबले में खेलने का फैसला किया है। गिल पंजाब टीम के लिए कर्नाटक के खिलाफ 23 जनवरी से बंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाले मैच में मैदान पर नजर आएंगे। हालांकि, पंजाब टीम की घोषणा अब तक नहीं की गई है, लेकिन गिल ने खुद को इस मुकाबले के लिए उपलब्ध कर दिया है।
वसीम जाफर से सीखने का मिलेगा मौका
अगर शुभमन इस मुकाबले में खेलते हैं, तो उन्हें पंजाब के कोच वसीम जाफर के मार्गदर्शन में खेलना का मौका मिलेगा। जाफर, जो रणजी ट्रॉफी इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं, शुभमन के लिए एक बेहतरीन मेंटर साबित हो सकते हैं। गिल के लिए यह मौका महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर तब जब उनका प्रदर्शन एशिया के बाहर हाल के समय में उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा है।
अंतरराष्ट्रीय फॉर्म को सुधारने की कोशिश
शुभमन का फॉर्म खासकर जून 2021 से लेकर अब तक चिंता का विषय रहा है। उन्होंने 18 पारियों में सिर्फ 17.64 की औसत से रन बनाए हैं। भारत को जून में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है, और शुभमन अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहते हैं। इस रणजी मुकाबले के दौरान उनकी नजरें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी जगह बनाने पर होंगी।
2022 के बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी
शुभमन ने आखिरी बार 2022 में रणजी ट्रॉफी खेला था। उस वक्त उन्होंने पंजाब के लिए अलूर में मध्य प्रदेश के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच में भाग लिया था। अब एक साल बाद, शुभमन पंजाब के लिए इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में वापसी कर रहे हैं। इस बार वह अपने प्रदर्शन से एक सकारात्मक छवि बनाना चाहेंगे, खासकर तब जब टीम को इंग्लैंड के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सीरीज का सामना करना है।
शुभमन इस समय टीम से जुड़ रहे हैं, जब अभिषेक शर्मा और अर्शदीप सिंह जैसे सीनियर खिलाड़ी भारतीय टीम के साथ इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज के लिए उपस्थित होंगे। इसका मतलब है कि गिल के पास पंजाब के लिए खेलने का अच्छा मौका होगा।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रहा प्रदर्शन निराशाजनक
हालांकि शुभमन का प्रदर्शन हालिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर निराशाजनक था, जहां वह पांच पारियों में सिर्फ 31 रन बना सके थे। वह पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मैच में अंगुली में चोट के कारण बाहर थे और बाद में बॉक्सिंग डे टेस्ट में भी वह अंतिम एकादश में शामिल नहीं थे। उनके लिए यह रणजी ट्रॉफी एक अवसर हो सकता है, जिससे वह अपनी बल्लेबाजी में सुधार कर सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार हो सकते हैं।
हाल ही में भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने यह सुझाव दिया था कि शीर्ष खिलाड़ी सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर ही ध्यान न दें, बल्कि घरेलू क्रिकेट में भी हिस्सा लें। इससे न सिर्फ उनकी फिटनेस और फॉर्म बेहतर होगी, बल्कि टीम में उनकी जगह भी मजबूत होगी।