प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिनी यात्रा के दौरान उन्हें बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यात्रा पर पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले 101 वर्षीय पूर्व नौकरशाह मंगल सैन हांडा से मिलने का वादा पूरा किया। इसके बाद उन्होंने रामायण और महाभारत का अरबी में अनुवाद करने वाले अब्दुललतीफ अलनेसेफ और अब्दुल्ला बैरन से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने अरबी अनुवाद के प्रयासों पर खुशी जताई
प्रधानमंत्री मोदी ने अब्दुललतीफ अलनेसेफ और अब्दुल्ला बैरन से मुलाकात के दौरान कहा कि उन्हें रामायण और महाभारत के अरबी संस्करण को देखकर अत्यधिक खुशी हो रही है। उन्होंने इन पुस्तकों पर अपने ऑटोग्राफ दिए और इस प्रयास को सराहा। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी यह पहल भारतीय संस्कृति की वैश्विक स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है।
प्रधानमंत्री जब होटल पहुंचे, तो वहां मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कथकली नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद, प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की, जिसमें पूर्व आईएफएस अधिकारी मंगल सैन हांडा भी शामिल थे। मंगल सैन हांडा ने विदेश सेवा में रहते हुए इराक, कुवैत, चीन, अर्जेंटीना, यूके और कंबोडिया में अपनी सेवाएं दीं। व्हीलचेयर पर बैठकर आए हांडा प्रधानमंत्री से हाथ मिलाकर खुशी जताते हुए नजर आए। इस दौरान उनके बेटे दिलीप हांडा ने कहा, “यह जीवनभर का अनुभव है।” प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि वह खासतौर पर हांडा जी से मिलने के लिए यहां आए हैं और हम प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं।
प्रधानमंत्री ने शनिवार सुबह एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया कि वह प्रवासी समुदाय से मिलने के दौरान मंगल सैन हांडा से मिलने के लिए उत्साहित हैं। इससे पहले, श्रेया जुनेजा ने एक पोस्ट में प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि वह उनके नानाजी से मुलाकात करें। प्रधानमंत्री ने कुवैत सिटी की तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि उन्हें इस भव्य स्वागत से बहुत खुशी हुई है।