IPL 2025: भारत के तेज गेंदबाज सिद्धार्थ कौल, जिन्होंने 2018-19 में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने का अनुभव किया, ने हाल ही में अपने संन्यास का ऐलान किया। कौल ने अपने क्रिकेट करियर के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि उनके अंदर अब भी 3-4 साल का क्रिकेट बचा हुआ है, लेकिन वह अपनी करियर की ऊंचाई पर इसे छोड़ना चाहते थे, जब उनकी फिटनेस और प्रदर्शन अपने शीर्ष पर थे।
कौल ने लिया संन्यास
कौल ने अपने संन्यास के फैसले के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, “मुझे लगता है कि यह छोड़ने का सही समय था। अगर आप मेरे 9-10 साल के क्रिकेट ग्राफ को देखें, तो मैंने सभी प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन किया है।” उनका मानना है कि यह फैसला तब लिया जब वह अपने करियर के उच्चतम स्तर पर थे, और वह नहीं चाहते थे कि उन्हें फिटनेस या खराब प्रदर्शन के कारण संन्यास लेना पड़े।
हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह क्रिकेट से पूरी तरह से दूर नहीं जा रहे हैं। कौल ने कहा, “मैं आगे बढ़ूंगा और जो भी मौका मिलेगा, चाहे वह काउंटी क्रिकेट हो, लीजेंड लीग हो, एमएलसी हो या कोई और अवसर, मैं उस दिशा में अपनी यात्रा जारी रखूंगा।” उन्होंने हाल ही में इंग्लैंड के नॉर्थैंप्टनशायर के लिए काउंटी क्रिकेट में भी हिस्सा लिया, जहां उन्होंने 29.84 की औसत से 13 विकेट लिए।
सिद्धार्थ कौल का करियर भारत के लिए अपेक्षाकृत छोटा था, लेकिन वह कुछ अहम क्षणों का हिस्सा रहे। कौल ने भारत के लिए जून 2018 से फरवरी 2019 के बीच तीन टी-20 और तीन वनडे मैच खेले। उन्होंने 2023-24 सत्र में पंजाब को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में पहला खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 10 मैचों में 16 विकेट लेकर सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज का दर्जा प्राप्त किया। इसके अलावा, उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने पंजाब के लिए छह मैचों में 19 विकेट झटके थे।
रणजी और अन्य घरेलू क्रिकेट में कौल का योगदान
कौल का घरेलू क्रिकेट में भी लंबा और सफल करियर रहा है। हाल ही में, उन्होंने पंजाब के लिए रणजी ट्रॉफी 2024-25 सत्र के पहले चरण में भी खेला, हालांकि इस दौरान उन्हें दो मैचों में कोई विकेट नहीं मिला। अपने 17 साल के करियर में, कौल ने कुल 88 प्रथम श्रेणी मैचों में 26.77 की औसत से 297 विकेट लिए। लिस्ट ए क्रिकेट में भी उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है, उन्होंने 24.30 की औसत से 199 विकेट हासिल किए। टी-20 क्रिकेट में भी उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है, जहां उन्होंने 7.67 की इकॉनमी दर से 182 विकेट लिए।
इसके अलावा, कौल पंजाब के लिए विजय हजारे ट्रॉफी (155 विकेट) और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (120 विकेट) में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।
कौल का शुरुआती क्रिकेट करियर और संघर्ष
सिद्धार्थ कौल ने मात्र 17 साल की उम्र में पंजाब के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था। हालांकि, उनके लिए करियर की शुरुआत आसान नहीं रही। कई कमर की चोटों ने उनके करियर को काफी प्रभावित किया, जिसके कारण उन्हें 5 साल तक कम मैच खेलने पड़े। दिसंबर 2007 से फरवरी 2012 तक, कौल केवल छह घरेलू मैच खेल पाए, जो उनके लिए एक कठिन समय था। फिर भी, उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से वापस आकर अपने करियर में सफलता प्राप्त की।
IPL में कौल का योगदान
कौल के लिए 2018 आईपीएल सीजन खास रहा, जब उन्होंने सनराइजर्स हैदराबाद के लिए शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने इस सीजन में लगातार बेहतरीन गेंदबाजी की, जिसके कारण उन्हें आयरलैंड दौरे पर भारतीय टीम के लिए टी-20 कैप मिली। 2017 में, उन्होंने आईपीएल में 10 मैचों में 16 विकेट और 2018 में हैदराबाद के लिए संयुक्त रूप से सबसे अधिक 21 विकेट लिए। इसके अलावा, कौल ने दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स), कोलकाता नाइटराइडर्स, और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए भी आईपीएल में भाग लिया।
सिद्धार्थ कौल का क्रिकेट करियर भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण रहा है, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों में अपनी छाप छोड़ी है। उनके संन्यास का निर्णय उनके शानदार करियर के समापन का प्रतीक है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि वह क्रिकेट से पूरी तरह से दूर नहीं जा रहे हैं और भविष्य में अन्य क्रिकेट प्रारूपों में अपनी भागीदारी जारी रखेंगे। कौल का योगदान भारतीय क्रिकेट और विशेष रूप से पंजाब क्रिकेट के लिए हमेशा याद किया जाएगा।