डेंगू और अन्य मच्छरजनित बुखारों के मामलों में इंदौर, महू और देपालपुर में भारी उछाल देखा जा रहा है। नागरिकों के अनुसार सरकारी आंकड़े काफ़ी अविश्वसनीय है। 2024 में अब तक स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार लगभग 550 मामले सामने आ चुके हैं। वहीँ अगर पिछले साल की बात करें तो यह संख्या केवल 458 थी।
विभाग ने दावा किया है की अब डेंगू का सीजन ख़तम होने वाला है। इसका कारण यह है की अक्टूबर और नवम्बर में मामले कम हुए हैं और नवंबर में सिर्फ 18 मरीज़ ही सामने आये हैं। आपको बता दें की आम स्थानीय नागरिकों ने इस आंकड़े को साफ़ नकार दिया है। उनका कहना है की डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की वास्तविक संख्या इससे कई ज़्यादा है। उन्होंने सरकारी आंकड़ों को अविश्वसनीय बताया।
लोगों का कहना है की सरकारी आंकड़े कुछ और हैं और वास्तविक आंकड़े कुछ और हैं। उन्होंने यह तक कह दिया की कई वार्डों में तो डेंगू और चिकनगुनिया के इंटने मरीज़ हैं की उनको रखने तक जगह नहीं है। लेकिन स्वस्थ्य वभाग इस आंकड़े को नकार रही है।
इसे लेकर मलेरया विभाग ने कहा है की मेडिकल कॉलेज की लैब के परीक्षणों पर ही डेंगू की रिपोर्ट आधारित होती है और इसी आधार पर वह रिपोर्ट भी जारी होती है। आगे उन्होंने यह कहा की यह विवाद स्थानीय लोगों और स्वास्थ्य विभाग के बीच के अविश्वास को दर्शा रहा है। इसी वजह से लोग सरकारी आंकड़ों से असहमति जाता रहे हैं।