Bihar: बिहार के बाढ़ में रविवार को गंगा नदी में एक नाव पलट गई। बताया जा रहा है कि नाव में 17 श्रद्धालु उमानाथ घाट से दियारा जा रहे थे। अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हालांकि, एक अधिकारी ने बताया कि छह लोग लापता हैं। तलाशी अभियान जारी है।
समाचार एजेंसी ANI ने बाढ़ के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) शुभम कुमार के हवाले से बताया, “यहां एक छोटी नाव पलट गई। नाव पर 17 लोग सवार थे, जिनमें से 11 सुरक्षित हैं, 6 लापता हैं। एसडीआरएफ की टीम रवाना हो चुकी है, वे यहां पहुंचने वाले हैं… तलाशी अभियान जारी है…”
#WATCH | Barh, Bihar: A boat carrying devotees from Umanath Ghat to Diara capsized in the Ganga River. 6 people are missing, search operation is on.
Barh SDM Shubham Kumar says, “A small boat capsized here. There were 17 people on the boat, out of which 11 are safe, 6 are… pic.twitter.com/Hcd4B5Cl1z
— ANI (@ANI) June 16, 2024
कुमार ने बताया कि यह घटना सुबह करीब सवा नौ बजे उमानाथ गंगा घाट के पास हुई, जब 17 लोगों को ले जा रही नाव बीच रास्ते में पलट गई। नाव में अधिकतर एक ही परिवार के लोग सवार थे। सूत्रों के मुताबिक शुभम कुमार ने बताया , ” नाव पलट गई और गंगा नदी के बीच में डूब गई । अब तक 11 लोगों को बचा लिया गया है…उनमें से कुछ लोग तैरकर सुरक्षित नदी के किनारे तक पहुंचने में कामयाब रहे, जबकि छह अभी भी लापता हैं।”
सूचना मिलने पर जिला प्रशासन के अधिकारी और पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों की मदद से नाव में लापता लोगों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान शुरू किया। अधिकारी ने कहा, “छह लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान जारी है।” एसडीएम ने कहा, “हम राज्य आपदा राहत बल के कर्मियों की भी मदद ले रहे हैं। हम लापता व्यक्तियों की पहचान का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।”
गंगा दशहरा आज
रविवार को ‘गंगा दशहरा’ के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाई। प्रयागराज और वाराणसी जैसे शहरों में गंगा दशहरा का त्योहार बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है, जहां देश भर से लोग आशीर्वाद लेने आते हैं। इस दिन नदी में डुबकी लगाना भक्तों के लिए अपने पापों से मुक्ति पाने तथा शारीरिक बीमारियों को ठीक करने का एक साधन माना जाता है।
गंगा दशहरा, जो हिंदू माह ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, वह दिन भी है जब देवी गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं।