भोपाल : मध्यप्रदेश आज कर्ज के भारी बोझ तले दबता जा रहा है। कभी देश के सबसे संपन्न राज्यों में मध्यप्रदेश का नाम गिना जाता था। ताजा आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश पर 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है, यह कर्ज साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। अब खबर आ रही है मोहन सरकार 2500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज लेने की योजना बनाई है।
इस कर्ज का बोझ हर मध्यवासी पर कितना पड़ता है? आंकड़े चौंकाने वाले हैं। प्रति व्यक्ति कर्ज 45 हजार रुपए के करीब है, जो आने वाले समय में और बढ़ सकता है।
कर्ज में डूबे मध्य प्रदेश की कहानी:
कुल कर्ज: 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक
वित्तीय वर्ष 2023-24 में लिया गया कर्ज: 27,500 करोड़ रुपए
हालिया कर्ज: 5,000 करोड़ रुपए (तीन हिस्सों में)
प्रति व्यक्ति कर्ज: 45,000 रुपए (लगभग)
क्या होगा मध्य प्रदेश का भविष्य?
बढ़ते कर्ज का बोझ मध्य प्रदेश के लिए गंभीर खतरा है। राज्य सरकार को राजस्व बढ़ाने और खर्च कम करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। नहीं तो मध्यप्रदेश श्रीलंका की राह पर जा सकता है।