अयोध्या की झलक दिखेगी ‘यूएई’ में बने पहले हिन्दू मंदिर में…PM मोदी इस दिन करेगें उद्घाटन, भव्यता कर देगी हैरान

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By Suruchi ChircteyPublished On: February 5, 2024

अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की भव्यता देखते बनती है. 22 जनवरी को राममंदिर में हुए प्राण प्रतिष्ठा को पूरा देश देखा था . ऐसे में अब मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हिंदू मंदिर बनकर तैयार हो गया है.बता दे इस मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 फरवरी को करेंगे . उद्घाटन होने के बाद इस मंदिर को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। इस मंदिर का निर्माण भारत कारीगरों ने बनाया है. इतना ही नही अबु धाबी में बना ये हिंदू मंदिर एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है.

अयोध्या की झलक दिखेगी 'यूएई' में बने पहले हिन्दू मंदिर में...PM मोदी इस दिन करेगें उद्घाटन, भव्यता कर देगी हैरान

आपको बतां दे इस मंदिर को बीएपीएस संस्था के नेतृतव में बनाया गया है.इसके निर्माण में 700 करोड़ रूपये का खर्च आया है, जो को 27 एकड़ की जमीन पर बनाया गया है. इस जगह की बात करें तो यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने दान में दी है.मंदिर के कि डिजाइन की बात करें तो बाहरी हिस्से को राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर से बनाया गया है. वहीं मंदिर में अंदर सफेद संगमरमर लगाया गया है. इसे भारतीय कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित किया जाएगा.

मंदिर की भव्यता की बात करें तो सुंदरता में बाहरी स्तंम्भों पर जो नक्काशी की गई है, वह काफी रोचक और खूबसूरत हैं. मंदिर में रामायण की अलग-अलग कहानियों का वर्णन नक्काशी में चित्रित किया गया है. राम कहानियों को उकेरा गया है। एक तरफ राम जन्म, सीता स्वयंवर, राम वनगमन, युद्ध, लंका दहन, राम-रावण युद्ध और भरत-मिलाप जैसे प्रसंगों को नक्काशी में बड़ी ही खूबसूरती से उकेरा गया है.

मंदिर आपको रामकथा-कृष्ण कथा की याद दिलाएगा तो यहां आपको बनारस के गंगा घाट का अनुभव भी मिलेगा. शाम को आरती होगी. सामने के बाहरी लुक को काशी के गंगा घाट की तरह बनाया गया है, जहां बिल्कुल गंगा नदी जैसा अनुभव मिलेगा और लोग आएंगे तो शांति का अनुभव करेंगे. भारतवंशी इस मंदिर में अपनी खुशी से लगातार श्रमदान करने के लिए जुड़ रहे हैं.

गौरतलब है 2017 में जमीन मिली जिस पर निर्माण कार्य किया गया हैण् बता दें किए मंदिर के नीचे के तल में अभिषेक मंडपम बनाया गया है. यहां निजी समारोह व पूजा पद्धति हो सकते हैं.यहां स्वामी नारायण की प्रतिमा स्थापित की जाएगीण् वहीं, इसके पास सरस्वती नदी का स्वरूप बनाया गया है, जिसमें अभिषेक का पवित्र जल बहा करेगा.