सीएम मोहन यादव की कैबिनेट बैठक हुई खत्म, स्टार्टअप नीति में संशोधन को मिली सहमति

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आज सुबह शुरू हुई सीएम डा. मोहन यादव की कैबिनेट की बैठक संपन्न हो चुकी है। इस बैठक की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव कर रहे थे। प्रदेश के लिए सीएम की इस बैठक को बड़ा अहम बताया जा रहा था। बैठक में सीएम ने अपनी कैबिनेट के साथ स्टार्टअप नीति में संशोधन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया, जिस प्रस्ताव को सभी की सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई।

नए प्रस्ताव के मुताबिक सरकार अब राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रदेश के स्टार्टअप को प्रतिपूर्ति राशि दी जाएगी। नए संशोधन के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में हिस्सा लेने पर 50 हजार और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने पर डेढ़ लाख रुपये तक की प्रतिपूर्ति होगी। आपको बता दें कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग ने यह प्रस्ताव रखा था कि राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में हिस्सा लेने के लिए स्टार्टअप को प्रोत्साहन या सहायता राशि दी जाए।

इसके साथ कैबिनेट की बैठक में विभागीय जांच संबंधी कुछ अन्य प्रस्ताव पर निर्णय लिए गए। सीएम मोहन यादव ने कैबिनेट की बैठक से पहले देश के पीएम और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताया। सीएम ने कहा कि लगभग दो दशक से लंबित पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना, प्रधानमंत्री मोदी की पहल से अब मूर्त रूप ले सकेगी।

उन्होने आगए कहा कि इससे मध्य प्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र के 12 जिले और पूर्वी राजस्थान के 13 जिले लाभान्वित होंगे। इन क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता बढ़ेगी तथा, सिंचाई और औद्योगिक उपयोग के लिए भी पानी उपलब्ध होगा। सीएम मोहन यादव ने जानकारी दी कि 75000 करोड़ की इस परियोजना में राज्यांश मात्र 10 प्रतिशत है, 90 प्रतिशत राशि केंद्र शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

क्यों किया संशोधन:

सीएम कार्यालय के अधिकारियों ने बताया है कि स्टार्टअप से जुड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। इसका बता दें शुल्क अधिक होता है, जिसकी वजह से स्टार्टअप इनमें सम्मिलित नहीं होते हैं। जबकि, ऐसे समारोह में हिस्सा लेने से अनुभव मिलता है और संपर्क बनते हैं, जो कि व्यापार को बढ़ाने में सहायक होते हैं।