इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी ने गुरुवार को राहुल गांधी के समर्थन में और चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया, लेकिन नेताओं से बड़ी चूक हो गई। प्रदर्शन स्थल के रूप में चुनाव आयोग कार्यालय की बजाय वे सीधे बिजली कंपनी के मुख्यालय पहुंच गए और वहां मानव श्रृंखला बनाकर नारेबाजी करने लगे। इसी स्थान से उन्होंने सत्याग्रह जनजागरण अभियान की शुरुआत की। इस पर बीजेपी ने चुटकी लेते हुए कहा कि जिन्हें प्रदर्शन का सही स्थान तक मालूम नहीं, वे लोकतंत्र पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रदर्शन के बाद मप्र राजीव विकास केंद्र के प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि राहुल गांधी के समर्थन में जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से जनजागरण अभियान की शुरुआत की गई है। यह अभियान पूरे प्रदेश में जिला और ब्लॉक स्तर पर संचालित होगा। इसके तहत पदयात्रा, हस्ताक्षर अभियान, धरना-प्रदर्शन और नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान लोगों को बताया जाएगा कि किस प्रकार वोट की चोरी कर बीजेपी ने देश और प्रदेश में अपनी सरकार बनाई।
बीजेपी का तंज, जगह तो सही चुनते
कांग्रेस के इस प्रदर्शन पर बीजेपी ने तीखा हमला बोला। इंदौर बीजेपी सह-मीडिया प्रभारी नितिन द्विवेदी ने कहा कि जो लोग प्रदर्शन की सही जगह तक नहीं पहुँच पाते, वे लोकतंत्र पर सवाल उठा रहे हैं। उनके मुताबिक, कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और सेना जैसे लोकतंत्र के मज़बूत स्तंभों का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव आयोग से शिकायत है, तो उसके पास जाकर शपथपत्र दें और निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें, लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं कर रही, बल्कि सड़क पर हंगामा कर रही है। उन्होंने तंज कसते हुए याद दिलाया कि पहले भी ‘चौकीदार, चौकीदार’ का नारा लगाकर माहौल बनाया गया था और फिर सुप्रीम कोर्ट में माफी माँगकर बाहर आना पड़ा था।
वोट लूटकर सत्ता तक पहुंचे
यादव ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का गंभीर आरोप लगाया है और सवाल उठाया कि क्या यह संवैधानिक संस्था अब बीजेपी की एजेंट बन गई है। उनके मुताबिक, आयोग और बीजेपी ने मतों की हेराफेरी का अपराध किया है। यादव ने कहा, “संविधान पर हमला करने वालों को हम बेनकाब करेंगे, भले ही इसमें समय लगे।” उन्होंने दावा किया कि इस खुलासे ने बीजेपी की नींद हराम कर दी है और उनके नेताओं की बौखलाहट अब बेतुके बयानों में झलक रही है। ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है, जबकि आयोग जांच करने के बजाय वोटर लिस्ट देने से इनकार कर रहा है। यादव का कहना है कि मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार भी वोट चोरी के दम पर बनी है।