चिकित्सा शिक्षा व चिकित्सा सेवा को एकीकृत करने से जनता को सहजता से मिलेगा इलाज : डॉ.हितेष वाजपेयी

Deepak Meena
Published on:

भोपाल : मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग को एकीकृत करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग को एकीकृत करने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।

हर व्यक्ति को सहजता से इलाज हो सके, इस हेतु चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा सेवा के सारे मानव संसाधन को एकीकृत कर स्वस्थ भारत की कल्पना को साकार करना ही प्रदेश सरकार का लक्ष्य है। सरकार का यह निर्णय इस ओर एक दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।

चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा सेवा दोनों विभागों का लक्ष्य पीड़ित मानवता की सेवा है। एक लक्ष्य के लिए दोनों विभागों को एक करने का निर्णय लक्ष्य के प्रति सरकार के समर्पण को दिखाता है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. हितेष वाजपेयी ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग को एकीकृत करने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त करते हुए कही।

प्रदेश प्रवक्ता डॉ. हितेष वाजपेयी ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग दोनों को अलग करने के समय से ही चिकित्सकों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की मांग विभागों को एक करने की रही है। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा लिए गए इस सराहनीय निर्णय से चिकित्सा के क्षेत्र में दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।

एक ही कार्य से जुड़े विभागों में भेद नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा लिए गए इस निर्णय से प्रशासन चिकित्सा सेवा व चिकित्सा शिक्षा से जुड़े मानव संसाधन को युक्ति-युक्तकरण कर बेहतर उपयोग कर सकेगा। भाजपा सरकार के इस निर्णय से चिकित्सकों और चिकित्सा विभाग में उत्साह है। दोनों विभागों का कार्य एक-दूसरे से पूरी तरह से जुड़े हुए थे, ऐसे में पहले से ही दोनों विभागों को एक करने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

नई शिक्षा नीति और प्रभावी तरीके से होगी लागू
डॉ. वाजपेयी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट ने प्रदेश के सभी जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस खोलने संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उक्त निर्णय से सभी जिला मुख्यालयों पर एक सर्व सुविधायुक्त महाविद्यालय होगा, जिसमें नई शिक्षा नीति के तहत आने वाले सभी पाठ्यक्रमों की शिक्षा मिल सकेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश के छात्रों को रोजगारमूलक शिक्षा देने के लिए लागू की गई नई शिक्षा नीति को और प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा।