विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान जिले की चार ग्राम पंचायत हुई शत प्रतिशत डिजिलॉकर युक्त

Deepak Meena
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इंदौर : आत्मनिर्भरता और सामाजिक विकास के लिए डिजिटल समावेशन एक बुनियादी जरूरत बन गया है। इस दिशा में शासन द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है जिनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण योजना है डिजिलॉकर। इंदौर के ग्रामीण क्षेत्रों में पेपरलेस गवर्नेंस की अवधारणा तथा डिजिटल समावेशन को मूर्त रूप देने हेतु की गई अनूठी पहल के तहत जिले की चार ग्राम पंचायतों को शत प्रतिशत डिजिलॉकर युक्त बनाया गया है। यह पहल विकसित भारत संकल्प योजना के अंतर्गत की गई है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिद्धार्थ जैन के नेतृत्व में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान इंदौर की चार ग्राम पंचायतों श्रीराम तलावली, टोड़ी, मीतापाट एवं पिपलोदा में अब सभी ग्रामीण परिवारों के द्वारा डिजिलॉकर एप्प को डाऊनलोड कर अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन सुरक्षित किया गया है।
सर्वे के माध्यम से लोगों को डिजिलॉकर उपयोग करने हेतु किया गया प्रेरित एवं प्रशिक्षित

सर्वप्रथम इन ग्रामो में निवासरत समस्त परिवारों की सूची बनाई गई, ग्राम के सर्वे एवं ग्रामीणों से सम्पर्क हेतु पंचायत, आंगनवाड़ी के कर्मचारियों के दलों का गठन कर, सर्वे का कार्य प्रारम्भ किया गया। नियुक्त अभियान दलों द्वारा इन पंचायतों में निवासरत सभी परिवारों से सम्पर्क कर उन्हें डिजीलॉकर के उपयोग हेतु प्रेरित एवं प्रशिक्षित किया गया। ग्रामीणों को डिजीलॉकर एप्प के उपयोग से महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा एवं पोर्टल पर सेव किये गए दस्तावेजों के कही से भी उपयोग करने की सुविधाओं के संबंध में अवगत कराते हुये इन 4 ग्राम पंचायतों के सभी परिवारों को डिजिलॉकर एप्प डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया गया। टीम द्वारा समझाइश और प्रशिक्षण उपरांत ग्रामों  के यूवा समूह, महिला समूह व अन्य नागरिकों द्वारा उत्साह के साथ डिजीलॉकर मोबाईल एप्प डाउनलोड कर एप्प के माध्यम से स्वयं के महत्वपूर्ण दस्तावेज, प्रमाण पत्रों को डिजीलॉकर एप्प पर अपलोड किये गये।

इस अभियान के परिणाम स्वरूप, जिले में विकसित भारत संकल्प यात्रा की समाप्ति के पूर्व उक्त 4 ग्राम पंचायतों के  मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत से प्राप्त प्रमाण पत्रों के आधार पर उन्हें डिजीलॉकर युक्त ग्राम पंचायत घोषित किया गया है।  इन 4 पंचायतों में ग्राम के सभी परिवार द्वारा अपने आधार कार्ड, ड्राईविंग लायसेंस, राशन कार्ड इत्यादि महत्वपूर्ण दस्तावेजों को डिजीलॉकर पोर्टल पर अपलोड कर सुरक्षित किये गये हैं। डिजीलॉकर एप्प डाउनलोड हो जाने से ग्रामीणजनों को ऑनलाईन दस्तावेज भण्डारण की सुविधा प्राप्ति होने के साथ उनका डिजीटल सशक्तिकरण भी हुआ है।

डिजिलॉकर – ऑनलाइन दस्तावेज़ भंडारण सुविधा
डिजीलॉकर एप्प से के उपयोग से दस्तावेजों के गलत उपयोग की आशंका से भी सुरक्षा प्राप्त हुई, साथ ही दस्तावेजों का भौतिक उपयोग कम से कम होकर दस्तावेजों के सुरक्षित भण्डारण के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध हो पाया है। अब उन्हें अपने महत्वपूर्ण प्रमाणित दस्तावेजों को विभिन्न सरकारी योजनाओं में मिलने वाले लाभ हेतु जैसे रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों में डिजीटल लॉकर के माध्यम से अपने प्रमाण पत्र ऑनलाईन प्रस्तुत करने की सुविधा सुलभ हो गयी है।

शासन की महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजनाओं में पेपर लेस गवर्नेस की अवधारणा के उद्देश्य से, भविष्य में दस्तावेजों के भौतिक रूप में उपयोग तथा सत्यापन प्रक्रिया को कम कर के प्रशासनिक कार्य में लगने वाले समय की भी बचत हो सकेगी।

डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम, अन्य ग्राम पंचायतों को भी बनाया जाएगा डिजिलॉकर युक्त
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत इन्दौर सिद्धार्थ जैन द्वारा बताया गया कि ‘विकसित भारत संकल्प पात्रा के साथ जिले में डिजीटल लॉकर का भी समावेश किया गया है। इसमे निर्धारित समय सीमा में 4 ग्राम पंचायतों को शत प्रतिशत डिजीटल लॉकर युक्त बनाया है। इससे ग्रामीण जन अपने दस्तावेज डिजीटल स्वरूप में अपने पास रख सकते है और उन्हें प्रमाणित भी कर सकते है। साथ ही दस्तावेज को सर्वर पर संग्रहण करने की सुविधा का भी उपयोग कर सकते है। इस हेतु ग्रामीणजनों को प्रशिक्षित भी किया है। यह ग्रामीण क्षेत्र मे डिजीटल सशक्तिकरण का प्रयास है। आगे अन्य पंचायतों को भी शामिल करते हुये डिजीटल लॉकर युक्त बनाया जायेगा।

अब दस्तावेज खोने का डर नहीं ना ही उन्हें साथ लेकर घूमने की आवश्यकता है
ग्राम मतलबपूरा के राकेश पिता भगवान यादव बताते हैं कि जब उन्हें डिजिलॉकर एप्प के उपयोग के बारे में प्रशिक्षित किया गया, तब उन्होंने तुरंत अपने मोबाइल पर डिजिलॉकर का एप्प डाउनलोड किया। उन्होंने अपने सारे जरूरी दस्तावेज जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस,आधार कार्ड, पैन कार्ड एवं मार्कशीट आदि एप्प पर अपलोड कर दिए। अब उन्हें यह सभी जरूरी दस्तावेज खोने का डर नहीं ना ही उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए अपने साथ इन सभी दस्तावेजों को लेकर घूमना पड़ता है। वे इस सुविधा का उपयोग करके बेहद खुश हैं तथा शासन एवं जिला प्रशासन को इसके लिए धन्यवाद व्यक्त करते हैं।