इंदौर को बनाएंगे मेडिकल टूरिज्म हब – कैलाश विजयवर्गीय

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इंदौर। प्रतिवर्ष 300 से 400 करोड रुपए के मेडिकल टूरिज्म की संभावना इंदौर शहर में है। बस इसके लिए सरकार को सही तरीके से मार्केटिंग करने की आवश्यकता है। यह बात भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं क्षेत्र एक के प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने चिकित्सा एवं नर्सिंग होम एसोसिएशन के मिलन समारोह के दौरान डाक्टरों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इंदौर मेडिकल टूरिज्म का हब बन सकता है। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा युक्त अस्पताल और दुनिया के बेहतरीन विशेषज्ञ डॉक्टर है, बस इस बात की सही तरीके से मार्केटिंग करने की आवश्यकता है।

इंग्लैंड में रहने वाले अपने दोस्त का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इंग्लैंड में मेरा एक दोस्त रहता है। उनके बड़े भाई को हार्ट में कुछ प्रॉब्लम होने पर डॉक्टर को दिखाया तो उनके हार्ट सर्जरी का नंबर 3 महीने बाद का मिला। लेकिन उनके पास इतना समय नहीं था तो वह मुंबई आए और 20- 25 लाख रुपए में ऑपरेशन करवा कर वापस चले गए। इंग्लैंड वालों के लिए 20- 25 लाख रुपए कोई बड़ी बात नहीं है। हमारे यहां बहुत स्कोप है, कम से कम 300 से 400 करोड रुपए के मेडिकल टूरिज्म की संभावना इंदौर में है। इसके लिए हमें थोड़ा सा सरकार से सहयोग चाहिए। इसकी सही से मार्केटिंग हो जाए तो वर्ल्ड क्लास सेवाएं यहां मिल जाएगी। हमारे यहां उपचार के साथ ही रहना और खाना भी बहुत सस्ता है।

इस वजह से इलाज करवाने आने वाले के लिए इंदौर में बहुत संभावना है। मेडिकल टूरिज्म को बढ़ाने के लिए हमने कुछ योजनाएं बनाई है। हमारी सरकार आने पर उन पर काम करते हुए हम इंदौर को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाएंगे। इसके अलावा इंदौर में एजुकेशन हब बनने की संभावना भी है। यहां आईआईटी और आईआईएम जैसे इंस्टिट्यूट के साथ ही नारसीमुंजी और सिंबायोसिस जैसे प्रतिष्ठित निजी संस्थान भी है। टीसीएस और इन्फोसिस जैसी आई टी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के आने के बाद इंदौर आईटी हब बनाने की और बड़ा कदम बढ़ा चुका है।

ऐसे में अब इंदौर के युवाओं को पढ़ाई और काम करने के लिए अपना परिवार छोड़कर बेंगलुरु, पूना, हैदराबाद जैसे शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं है। मैं हमेशा कहता हूं कि इंदौर में बहुत सी संभावनाएं हैं जो इसे भविष्य का शहर बनती है। वहां मौजूद शहर के गणमान्य चिकित्सकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चिकित्सक सेवा और समर्पण की प्रतिमूर्ति होते हैं। अभिभावकों के बाद यदि हमारे जीवन की सुरक्षा का कोई बीड़ा उठाता है तो वे चिकित्सक ही होते है। समारोह में चिकित्सक समूह के प्रमुख डॉ.कैलाश लाखोटिया, डॉ.वल्लभ मूंदड़ा, डॉ. सतीश जोशी, डॉ. सुनिल राजन, डॉ. मनीष बिंदल, डॉ.सुनील बाठिया सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित रहे।