Aja Ekadashi 2023 Date and Timing: हिंदू सनातन धर्म में एकादशी अर्थात ग्यारस का काफी ज्यादा महत्त्व माना जाता हैं। साथ ही ये भादव मास की प्रथम एकादशी हैं, इसलिए इसका महत्त्व सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ माना गया हैं। क्योंकि इसे इसलिए भी श्रेष्ठ माना गया हैं इस एकादशी में भगवान् विष्णु के साथ ही शिव पार्वती की भी विशेष पूजा आराधना की जाती हैं। वहीं वर्ष में चौबीस एकादशी आती हैं। इसी के साथ जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। अभी मौजूदा समय में भाद्रपद मास का प्रारम्भ हुआ हैं। और अधिक मास का समापन जिसके चलते ये महीने की पहली एकादशी तिथि हैं।
हालाँकि अभी मौजूदा समय में जगत के पालनहारे भगवान श्री हरि विष्णु के 4 महीनों के शयन निद्रा का समयकाल चल रहा है। ऐसे में अभी जो एकादशी तिथि यानी की अजा एकादशी आने वाली हैं.उसका भादो मास में बेहद ज्यादा पूजनीय और महत्वपूर्ण माना जाता हैं। क्योंकि इस व्रत को कर लेने से जातकों को बैकुंठ की प्राप्ति होती हैं। अर्थात मरने के बाद आत्मा को बैकुंठ स्थान प्राप्त होता हैं, और मोक्ष मिल जाता हैं। जन्म मरण के बंधन से वो आत्मा मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त कर लेती हैं। चलिए जानते हैं फिर इस माह में कब है अजा एकादशी व्रत और पूजा का शुभ एवं सही मुहूर्त।
अजा एकादशी व्रत का तिथि मुहूर्त क्या है?
हिंदी पंचांग के फलस्वरूप, इस वर्ष अजा एकादशी उपवास के लिए भाद्रपद कृष्ण एकादशी तिथि 9 सितंबर संध्याकाल को 07 बजकर 17 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और यह तिथि 10 सितंबर को रात 09 बजकर 28 मिनटपर समाप्त होगी।
कब रखा जाएगा अजा एकादशी व्रत?
वहीं उदयातिथि को मद्देनजर रखते हुए अजा एकादशी तिथि का उपवास 10 सितंबर रविवार को रखा जाएगा। उस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूरे विधि विधान के साथ विशेष पूजा की जाएगी और अजा एकादशी व्रत की कथा सुनी जाएगी।
रवि पुष्य सहित 2 शुभ योग में अजा एकादशी 2023
इस साल अजा एकादशी के दिन दो बेहद शुभ योग बन रहे हैं। रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. रवि पुष्य योग शाम 05 बजकर 06 मिनट से बन रहा है, जो अगले दिन सुबह 06 बजकर 04 मिनट तक है. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग 10 सितंबर को शाम 05:06 बजे से लेकर 11 सितंबर की सुबह 06:04 बजे तक है. ये दोनों ही योग कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं.
अजा एकादशी 2023 व्रत का पारण कब होगा?
अजा एकादशी व्रत का पारण 11 सितंबर सोमवार को सूर्योदय के साथ होगा. उस दिन आप व्रत का पारण सुबह 06 बजकर 04 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट के बीच कभी भी कर सकते हैं. उस दिन द्वादशी तिथि रात 11 बजकर 52 मिनट तक है.