Indore: आदरणीय वीना नागपाल जी नहीं रहीं। उन्होंने दशकों तक समाचार पत्र नई दुनिया के एक विशेष पेज, घर की दुनिया, का संपादन किया और स्त्री चेतना की अलख जगाई। घर की दुनिया एक विचार प्रधान परिशिष्ट हुआ करता था। उसकी संरचना इस तरह की गई थी कि अखबार के माध्यम से प्रगतिशील सोच घर-घर तक पहुंचे।
आदरणीय वीना जी द्वारा लिखित संपादकीय “अपनी बात” इस परिशिष्ट का एक बेहद प्रसिद्ध सप्ताहिक कॉलम था। महिलाएं ही नहीं पुरुष भी इस स्तंभ की चर्चा किया करते थे कि जरा देखें वीना जी ने इस बार क्या विषय उठाया है। घर की दुनिया ने राजनीति से इतर सामाजिक विषयों से जुड़ने वाले कई पाठक बनाए, तो नए लेखक और लेखिकाएं भी इस पृष्ठ के माध्यम से प्रकाश में आए।
इस पृष्ठ पर लेखक समाज को बदलने वाले, कुप्रथाओं से लड़ने वाले, ज्ञान की जोत जगाने वाले मुद्दे रखा करते थे। स्वयं वीना जी बेहद प्रगतिशील सोच रखने वाली महिला थीं। वे बहुत मिलनसार एवं प्रसन्न चित्त रहने वाली स्त्री थीं। उनके व्यवहार में सहजता थी। पाठकों का एक बड़ा वर्ग वीना नागपाल जी को हमेशा याद रखेगा। उन्हें नमन एवं श्रद्धांजलि।