उज्जैन 17 फरवरी: कलेक्टर आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश दिये हैं कि जिले में सुशासन स्थापित करने और गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त असामाजिक तत्वों पर कड़ा प्रहार किया जाये। कलेक्टर ने राशन माफियाओं, नकली खाद, बीज, पशु आहार का विक्रय करने वाले, नशीले पदार्थ के अवैध क्रय-विक्रय में लिप्त व्यक्तियों को किसी भी हालत में छूट नहीं देने के लिये सभी विभागीय अधिकारियों को पाबन्द किया है। बैठक में एडीएम नरेन्द्र सूर्यवंशी, नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र सिंह, एसडीएम, जिला आपूर्ति अधिकारी, महाप्रबंधक उद्योग, उप संचालक कृषि, खाद्य एवं औषधी निरीक्षक, नापतौल निरीक्षक, सहकारिता उपायुक्त मौजूद थे।
बैठक में जिला आपूर्ति नियंत्रक को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की हेराफेरी करने वाले राशन माफियाओं पर नजर रखते हुए कड़ी कार्यवाही करने के लिये कहा गया है। इसी तरह उप संचालक कृषि को नकली खाद, बीज, पशु आहार आदि के विक्रय में संलग्न व्यक्तियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाने के लिये निर्देशित किया गया है। खाद्य एवं औषधी निरीक्षक को मेडिकल स्टोर्स पर नियंत्रण रखने, नशीले पदार्थों के क्रय-विक्रय में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही, आबकारी विभाग को विभिन्न ढाबों में अवैध शराब विक्रय करने वाले, अवैध शराब के निर्माण एवं क्रय-विक्रय करने वाले व्यक्तियों पर नजर रखने तथा ऐसे लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के लिये कहा गया है। खाद्य सुरक्षा विभाग को सेम्पलिंग की संख्या बढ़ाने एवं अर्थदण्ड की वसूली और मिलावटी खाद्य पदार्थ के निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिये गये हैं।
समीक्षा बैठक में सहकारिता विभाग के उपायुक्त को निर्देशित किया गया है कि वे हाउसिंग सोसायटियों के विरूद्ध लम्बित शिकायतों का निराकरण तुरन्त करते हुए त्रुटिकर्ता सहकारी संस्थाओं के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवायें। इसी तरह खनिज विभाग को अवैध खनिज के परिवहन एवं खनन पर कड़ा नियंत्रण करने तथा उन पर अर्थदण्ड आरोपित करने व वाहनों को राजसात करने की कार्यवाही करने के लिये कहा गया है। आवारा पशुओं के मालिकों पर कार्यवाही करने के लिये नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिये गये हैं। इसी तरह उद्योग के नाम पर जमीन आवंटित करवा कर उसको किराये पर उठाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिये महाप्रबंधक उद्योग को पाबन्द किया गया है।