देश में जिस तरीके से पलक झपकते ही मौसम बदल रहा है। उसी तरीके से बच्चे जरा में ही बीमार हो रहे हैं, जिसका मुख्य कारण फ्लू और H3N2 इंफ्लूएंजा है। आइए, जानते हैं कि यह कौन सी वैक्सीन है जिससे हम फ्लू से बच्चों को सुरक्षित कर सकते हैं।
लेकिन, इससे पहले हम फ्लू होने के लक्षण पर ध्यान दे लेते हैं –
आमतौर पर जैसे ही मौसम बदलता है बच्चों को फ्लू जकड़ लेता है । फ्लू के मुख्य लक्षण जैसे कि सिरदर्द होना, बुखार रहना, खांसी होना, नाक बहना, उल्टी करना, पेट खराब रहना और गले में खराश रहना है।
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प्लू की वैक्सीन क्या है?
इन्फ्लूएंजा वायरस से हमारे शरीर को बचाने के लिए फ्लू शॉट लगाया जाता है। यह फ्लू जैब शरीर में लगते ही, इनफ्लुएंजा वायरस को डिफेंड करने के लिए एंटीबॉडीज बनाने लगती है। वायरस अटैक करने से पहले ही ये वैक्सीन शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम डिवेलप कर देती है और कोई भी बीमार पड़ने से 60 से 70 फ़ीसदी तक बच जाते हैं।
क्या यह वैक्सीन सिर्फ बच्चों के लिए है?
नहीं, यह वैक्सीन छोटे बच्चे, बुजुर्ग, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों को यह टीका लगवाना चाहिए। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) के मुताबिक सभी 6 महीने से 5 साल तक की उम्र के बच्चों को हर साल में एक बार फ्लू का टीका लगवाना आवश्यक है। इस टीके का हर साल फ्लू शॉट नाम से सितंबर-अक्टूबर और मार्च-अप्रैल के दौरान नया वर्जन आता है। इस टीके को लगवाने के बाद हर बार मौसम बदलने और इनफ्लुएंजा का असर कम होगा।
वैक्सीन किस हॉस्पिटल में लगेगा और इसकी कीमत क्या होगी?
यह टीका एम्स जैसे बड़े सरकारी अस्पतालों या फिर प्राइवेट हॉस्पिटल में लगता है। इसकी कीमत की बात की जाए तो पीके की शुरुआती कीमत 1000₹ है। लेकिन शहर, अस्पतालों और कंपनियों के हिसाब से इसकी कीमत बदलती रहती है।
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टीके के साइड इफेक्ट्स
शुरू करें टीका लगवाने के बाद कुछ साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं जैसे कि जहां टीका लगवाया है उस जगह पर दर्द और सूजन हो सकती है, बुखार आना, मसल्स में दर्द और खिंचाव लगना, सिर दर्द होना और नाक बहना या कोई एलर्जी हो सकती है।
फ्लू इंफेक्शन से कैसे बचा जा सकता है?
अगर हम मौसम बदलते ही कुछ चीजों का ध्यान रखें तो तो आप इस इंफेक्शन से बचाव कर सकते हैं। जैसे कि बच्चों को बीमार लोगों के आसपास ना आने जाने दें, बच्चों को बताएं की खास है या सीखते वक्त मुंह पर हाथ रखे या फिर रुमाल रखें, टाइम-टाइम पर हाथ धोते रहें।