धर्मेश यशलहा। प्रशासन, खेल विभाग औरखेल संगठन तो आयोजन को सफल करने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं, भारतीय खेल प्राधिकरण ने खेलो इंडिया को इवेंट्स मैनेजमेंट और वालंटियर के हवाले कर रखा है, जिस वजह से खेलों में धन की बर्बादी और खेल जानकारों और खिलाड़ियों को परेशानी का ही सामना अधिक हैं। मप्र में हो रहे पांचवें खेलो इंडिया युवा खेल में भी यही हो रहा हैं, खेलो इंडिया तभी खेलेगा, जब मिलो इंडिया होगा। लेकिन वालिंटियर और इवेंट्स मैनेजमेंट की सख्ती से सभी खेलों से और दूर होंगे, ये दोनों खेलों को हवाबाजी और मौज-मस्ती के रुप में लेते हैं। इधर नहीं, उधर नहीं से तो हर किसी के बीच में दूरी ही बढ़ेगी, प्रोटोकॉल के नाम पर इवेंट्स मैनेजमेंट और वालियंटर, दूसरों पर सख्ती और खुद ऐश कर रहे है। वे खेल वालों को जानते नहीं, किसे कहां और कितना आदर-सम्मान देना यह भी नहीं समझता हर किसी को भगाते हैं।
मंच पर खेल एसोसिएशन और खेल विभाग के नहीं, इवेंट्स मैनेजमेंट के लोगों का कब्जा होता हैं, एक ही गेट या जगह एक -दो नहीं, चार-छह वालिंटियर होते अपनी मस्ती करते, फोटो सेशन करते- बास्केटबॉल और टेबल टेनिस में भी यही देखने में आया, मीडिया की भी जमकर उपेक्षा की जा रही हैं, अनेकों को प्रवेश कार्ड तक उपलब्ध नहीं कराए हैं और उनके बैठने के लिए उचित व्यवस्था नहीं हैं, फोटोज भी उन्हें अपनी जरुरत के लिहाज से लेने नहीं दिए जाते। वालंटियर के लिए खिलाड़ी या खेल जानकार होने की अनिवार्यता रहे तो शायद ऐसी नौबत नहीं आती, पुरस्कार वितरण के तामझाम में भी बहुत ही समय बर्बाद किया गया। स्कूलों से बच्चों की भीड़ जुटाने से वास्तव में खेलों का माहौल नहीं बनेगा। खेल इवेंट्स मैनेजमेंट और वालियंटर को रखना ही था तो खेल परिसर के बाहर के कामों के लिए ही खेल परिसर में तो खेल विभाग और खेल संगठनों के लोग ही इंचार्ज होना चाहिए, उन्हें महत्व देना चाहिए।
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बास्केटबॉल : मप्र को बालिका कांस्य पदक
राजस्थान में तमिलनाडु को रोमांचक फाइनल में 90-85 अंकों से हराकर जूनियर बालकों का खिताब जीता, पंजाब की कुंडी ने छत्तीसगढ़ को 73-56 अंकों से हराकर बालिका खिताब जीता, मप्र ने तमिलनाडु को 71-55 अंकों से हराकर बालिका कांस्य पदक हासिल किया, चंडीगढ़ ने मप्र को 107-67 अंकों से हराकर बालकों का कांस्य पदक जीता। बास्केटबॉल ट्रस्ट परिसर में बालिकाओं के तीसरे स्थान के मुकाबले में मप्र से गुनवी अग्रवाल ने 20, खुशी पाल सिंह और अनन्या माहेश्वरी ने 16-16, मोना गोस्वामी ने 10अंक बनाएं।
कबड्डी और भारोत्तोलन
अब बास्केटबॉल ट्रस्ट परिसर में 6 फरवरी से भारोत्तोलन हैं, भारोत्तोलन संगठन के शैलेन्द्र जोशी ने स्मैश को बताया कि 5फरवरी को तो वजन उठाने के लिए वजनदार मंच बनेंगे, हर दिन तीन-चार वजन वर्गों के मुकाबले होंगे।
अभय प्रशाल में 5 फरवरी से कबड्डी का रोमांच रहेगा, 8-8टीमों में समूह लीग कम नाकआउट मुकाबले हैं, कबड्डी स्पर्धा प्रबंधक महाराष्ट्र की शुभांगी पाटिल ने स्मैश को बताया कि हर समूह की दो श्रेष्ठ टीम सेमीफाइनल खेलेगी, फाइनल 9 फरवरी को है, मप्र बालिकाओं में हरियाणा, तेलंगाना और महाराष्ट्र के एवं बालकों में राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र के साथ हैं, मप्र के दोनों लीग मैच 5 फरवरी शाम को हैं, 6 फरवरी को सुबह होंगे, इंदौर टेनिस क्लब में 6 फरवरी से टेनिस मुकाबले हैं। चुनिंदा और श्रेष्ठ खिलाड़ियों के बीच अन्य खेलों की तरह ही बैडमिंटन में भी समूह लीग कम नाकआउट आधार पर मुकाबले होना चाहिए, अभी नाकआउट आधार से तो प्रतिस्पर्धा में कमी ही आ रही है, पंचकुला (हरियाणा) के बाद ग्वालियर में भी बैडमिंटन में ऐसा हुआ,
इंदौर के जिमनास्ट घनश्याम को स्वर्ण पदक
ग्वालियर में मप्र के घनश्याम बिल्लौरे ने जिमनास्टिक में पामेल हार्स में स्वर्ण पदक हासिल किया, घनश्याम इंदौर जिमनास्टिक केंद्र, चिमनबाग के है, यह इंदौर के किसी खिलाड़ी द्वारा पांचवें खेलो इंडिया युवा खेल में हासिल पहला स्वर्ण पदक है, मप्र जिमनास्टिक संघ अध्यक्ष अभय राहुल ने स्मैश को बताया कि घनश्याम 17 वर्षीय है, मप्र के ही दीपेश लश्करी ने आल राउंड जिमनास्टिक में रजत पदक हासिल किया है, जिमनास्टिक ग्वालियर के लक्ष्मीबाई शारीरिक
शिक्षा संस्थान (एल एन सी पी आई) में हो रहे हैं।
पदक तालिका में हरियाणा सबसे आगे
छठवें दिन पदक तालिका में हरियाणा 21 स्वर्ण पदकों के साथ सबसे आगे हो गया हैं, महाराष्ट्र को 20 स्वर्ण सहित सर्वाधिक 64 पदक मिले हैं, मप्र 18 स्वर्णऔर 12 रजत सहित 44 पदक लेकर तीसरे स्थान पर हैं, राजस्थान और ओडिसा को 9-9 स्वर्ण पदक मिले।