मध्यप्रदेश सरकार अब भवन और भूमि विकास से जुड़े नियमों को एकीकृत और आधुनिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। तेजी से बदलती तकनीक, पर्यावरणीय चुनौतियों और शहरीकरण की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में “यूनिफाइड बिल्डिंग एंड लैंड डेवलपमेंट एक्ट” तैयार किया जा रहा है। इस नए कानून के जरिए राज्य में सस्टेनेबल और स्मार्ट विकास को बढ़ावा देने की योजना है।
भविष्य को ध्यान में रखकर होंगे बदलाव
इस एक्ट में आधुनिक शहरी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया जाएगा। सार्वजनिक और बहुमंजिला इमारतों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, सोलर पैनल और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से बचाव जैसे मापदंड अनिवार्य किए जाएंगे। साथ ही दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के अनुकूल सुविधाओं को भी शामिल किया जाएगा।

ग्रीन डेवलपमेंट को मिलेगा बढ़ावा
वर्तमान में तेजी से फैलते हॉरिजॉन्टल डेवलपमेंट की वजह से कृषि भूमि और हरियाली पर दबाव बढ़ा है। इस स्थिति को सुधारने के लिए अब वर्टिकल डेवलपमेंट को प्राथमिकता दी जा रही है। नए एक्ट में ग्रीन बिल्डिंग, ओपन स्पेस, और ग्रीन स्पेस के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे। साथ ही प्रदूषण-रहित लघु उद्योगों को आवासीय क्षेत्रों में भी बढ़ावा देने की योजना है।
एफएआर और पार्किंग के नियम होंगे लचीले
नई नीति के तहत फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) के नियमों में लचीलापन लाया जाएगा ताकि उच्च भवन निर्माण को सुविधाजनक बनाया जा सके। साथ ही, प्लॉट साइज और बिल्टअप एरिया के अनुसार पार्किंग स्पेस के भी नए मापदंड बनाए जाएंगे, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिल सके।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मॉडल से ली जाएगी प्रेरणा
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा एक्ट के ड्राफ्ट पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली और नोएडा जैसे विकसित क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया है। अन्य राज्यों के नियमों का भी तुलनात्मक अध्ययन कर, प्रदेश की ज़रूरतों के अनुरूप प्रावधान शामिल किए जा रहे हैं।