नई दिल्ली। देश में आज से टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई है। वही दूसरी ओर भारत बायोटेक की वैक्सीन- कोवैक्सीन को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसी कड़ी में कंपनी ने इस संदेह को हटाते हुए साफ़ किया है कि, वैक्सीन के दुष्परिणाम नजर आने पर लाभार्थी को मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही कंपनी ने अपने फॉर्म में इसे खास तौर से लिखा है। गौरतलब है कि, आज से देश में वैक्सीन प्रोग्राम की शुरुआत हो चुकी है, जिसके तहत पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगेगी। सरकार पहले दिन 3 लाख लोगों को टीका लगाएगी।
बता दे कि, आर्थिक राजधानी मुंबई के 6 केंद्र सरकारी अस्पतालों में कोवैक्सीन लगाई जा रही है। वही यह कंसेंट फॉर्म शुक्रवार को जारी हुआ था। इस फॉर्म में लिखा है कि वैक्सीन की वजह से कोई भी गंभीर साइड इफेक्ट्स होने की स्थिति में लाभार्थी को सरकार के तय किए हुए और अधिकृत अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी। वही अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में यह हवाला दिया गया है। महाराष्ट्र समेत 11 राज्यों ने कोवैक्सीन को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, कंपनी ने अभी वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल पूरे नहीं किए हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, वैक्सीन प्राप्त करने वाले को एक फैक्ट शीट और बुरे परिणामों से जुड़ा फॉर्म दिया जाएगा। इस फॉर्म में लाभार्थी को शुरुआती 7 दिनों में नजर आने वाले लक्षणों को लिखना होगा। कंसेंट फॉर्म में लिखा है कि फेज-1 और 2 में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन ने एंटीबॉडी तैयार करने की क्षमता दिखाई है। रिपोर्ट ने कहा गया है ‘फेज-3 ट्रायल जारी होने के चलते कोवैक्सीन की एफिकेसी को तय नहीं किया जा सका है।’