इंदौर,एमपीसीए के काले कारनामे का सबसे बड़ा घोटाला हैं की एमपीसीए की कमेटी अध्यक्ष एंव सचिव सहित सीईओ रोहित पंडित ने अवैध और ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से 4 अक्टूबर को आयोजित टी-20 मैच में करोड़ों के टिकिट की कालाबाज़ारी एंव टेंडर घोटाला करके जीएसटी टैक्स एंव मनोरंजन कर की चोरी करने के लिए यह सत्य छिपाया गया की एमपीसीए कमेटी का कार्यकाल दिनांक 1 अक्टूबर 2019 से दिनांक 1 अक्टूबर 2022 को संविधान एंव नियमानुसार समाप्त हो गया था।लेकिन एमपीसीए अध्यक्ष एंव सचिव ने सीईओ रोहित पंडित के साथ मिलकर प्लान बनाया की 4 अक्टूबर के टी -20 मैच में करोड़ों का मुनाफ़ा कमाने के बाद ही एजीएम की मीटिंग करके नये अध्यक्ष और सचिव सहित कमेटी का गठन किया जायेगा।
म.प्र.कांग्रेस कमेटी के प्रदेशसचिव एंव “एमपी अगेंस्ट एमपीसीए करप्शन” जन आंदोलन के व्हीसल ब्लोअर एंव प्रवक्ता राकेश सिंह यादव ने बताया कि सीईओ रोहित पंडित ने सारे काले कारनामों में एक चूक कर दी की फ़र्म एंव सोसायटी के ऑफिस से विधिवत चुनाव आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं प्राप्त करने के साथ ही एक भी आवेदन फ़र्म एंव सोसायटी के कार्यलय में अनुमति हेतु नहीं दिया गया।इसका साफ़ मतलब हैं की एमपीसीए में कालेकारनामों को अंजाम देकर बचने के लिए यह सारा षड्यंत्र रचा गया हैं।
एमपीसीए की अवैध और ग़ैरक़ानूनी कमेटी के सारे निर्णय 1 अक्टूबर 2022 के बाद से अवैध हैं।यह सोच समझकर किया गया गंभीर अपराध हैं।रजिस्ट्रार फ़र्म एंव सोसायटी के शासकीय रिकॉर्ड के मुताबिक़ आज दिनांक तक एमपीसीए की कमेटी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद न चुनाव कराये एंव चुनाव आगे बढ़ाने की अनुमति हेतु भी आवेदन नहीं दिया हैं। इससे साफ़ और स्पष्ट हैं की वर्तमान में एमपीसीए की अवैध कमेटी ने एमपीसीए पर सिंधिया के संरक्षण में क़ब्ज़ा कर रखा हैं।इस संदर्भ में रजिस्ट्रार फ़र्म एंव सोसायटी के सहायक पंजीयक बी.एस. सोलंकी के खिलाफ भी एमपीसीए के सीईओ रोहित पंडित के साथ मिलकर अवैध एमपीसीए कमेटी के खिलाफ कार्यवाही न करके एंव नियमानुसार एमपीसीए कमेटी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद रिसीवर बैठाने के नियम का पालन नहीं करने के खिलाफ भी लोकायुक्त एंव मुख्यमंत्री के समक्ष शिकायत दर्ज करायी जा रही हैं।एमपीसीए कमेटी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी रजिस्ट्रार फ़र्म एंड सोसायटी ने उचित कार्यवाही आज तक नहीं की हैं।
रजिस्ट्रार फ़र्म एंड सोसायटी कार्यालय का रिकॉर्ड तत्काल सील करके ज़ब्त करने की मॉंग भी मुख्यमंत्री से की गई हैं।जिससे की एमपीसीए का भ्रष्ट रोहित पंडित और फ़र्म एंव सोसायटी के नौकरशाह द्वारा पिछली दिनांक में एमपीसीए का आवेदन दिखाने की कोशिश न कर सके।इस संदर्भ में ज़िला कलेक्टर को शिकायत प्रस्तुत की गई हैं।
दिनांक 1 अक्टूबर 2022 को एमपीसीए कमेटी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी अध्यक्ष,सचिव ने सीईओ रोहित पंडित के साथ मिलकर असंवैधानिक ग़ैरक़ानूनी कार्य करके धोखाधड़ी की हैं।अवैध रूप से अध्यक्ष एंव सचिव ने पद पर रहकर अनेक संवैधानिक एंव आर्थिक निर्णय करके करोड़ों की टिकिटों की कालाबाज़ारी एंव टेंडर घोटाले करने वाले सीईओ रोहित पंडित के साथ मिलकर सरकार और क़ानून को चूना लगाया हैं।
इनके साथ रजिस्ट्रार फ़र्म एंड सोसाइटी के सहायक पंजीयक बी.एस.सोलंकी की भूमिका भी संदिग्ध हैं।इसलिए इन तीनों के खिलाफ एमपीसीए का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी अवैध रूप से पद पर रहकर कार्य करने के खिलाफ धोखाधड़ी का फ़ौजदारी प्रकरण दर्ज करने के लिए पुलिस में एफ़आइआर हेतु शिकायत दर्ज करायी जा रही हैं।
लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट में स्पष्ट हैं की स्टेडियम की कुल क्षमता का मात्र दस प्रतिशत टिकिट ही कॉम्पलिमेंट्री टिकिट के रूप में दिया जा सकता हैं। इसका स्पष्ट मतलब हैं की होल्कर स्टेडियम की कुल क्षमता 27500 दर्शकों की हैं मतलब मात्र 2750 टिकिट ही फ़्री पास या कॉम्लिमेंट्री टिकिट के रूप में दिये जा सकते हैं।लेकिन इन टिकिटों का जीएसटी एंव मनोरंजन कर जमा करना एमपीसीए के लिए अनिवार्य हैं।लेकिन एमपीसीए के भ्रष्ट सीईओ रोहित पंडित ने बताया की लगभग 14000 कॉम्पलिमेंट्री टिकिट या फ़्री पास दिये हैं।यह कैसे संभव हैं ?
क्या लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट एमपीसीए में लागू नहीं हैं।इसका साफ़ मतलब हैं की सीईओ रोहित पंडित ने केश में कालाबाज़ारियों को कॉम्पलिमेंट्री टिकिट भी बेच दिये हैं।इन टिकटों की कमाई सीधे एमपीसीए कमेटी की जेब में गई हैं।सरकार के जीएसटी एंव मनोरंजक कर की राथि भी एमपीसीए का सीईओ रोहित पंडित हड़प गया हैं।
एमपीसीए में भ्रष्टाचार का यह हाल हैं की कोविड में एमपीसीए अध्यक्ष और सीईओ रोहित पंडित ने अंपायरों को पच्चीस-पच्चीस हज़ार रूपये की मदद करने के बहाने बीसीसीआई से मिले फंड में से अंपायरों को कोविड की मदद के नाम पर एकाउन्ट में हड़पे 2,50,000 रूपये और एंपायरों को दिये मात्र पच्चीस हज़ार रूपये केश पेमेंट यह भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हैं।
एमपीसीए में भ्रष्टाचार के चौके छक्के लगाने वाले प्रसन्न करमड़ीकर होल्कर स्टेडियम में स्क्रेप किंग हैं।मैच के पेहले और मैच के बाद टूटफूट और कुर्सी बदलने के नाम प्रत्येक टी-20 मुक़ाबले के बाद चालीस से पचास लाख का कबाड़ा बेचकर पैसा केश करके निकल जाते हैं।सभी के हिस्से में भंगार की मलाई आती हैं।यह क्रम सालों से परिवारवाद अनुसार जारी हैं।सिंधिया का आर्शिवाद इन्हें प्राप्त हैं।
कॉंग्रेस के प्रदेशसचिव यादव के अनुसार भाजपा सांसद सिंधिया आईडीसीए अध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय से निकटता और अपनापन दिखाने घर नंदानगर तक पहुँच जाते हैं लेकिन जब यही आईडीसीए अध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय एमपीसीए में आजीवन सदस्य बनने के लिए चार बार आवेदन देते हैं तो सिंधिया एजीएम मीटिंग में कैलाश विजयवर्गीय के आवेदन को निरस्त कर देते हैं।आज दो साल से सिंधिया भाजपा में हैं लेकिन कैलाश विजयवर्गीय आज तक एमपीसीए में आजीवन सदस्य नहीं बन पाये हैं।कांग्रेस को धोखा देने के बाद अब भाजपा के नेताओं को भी लगातार दो साल से धोखा दे रहे हैं।ईमानदारी की ताल ठोंकने वाले सिंधिया के ये कैसे संस्कार हैं।जबकि परिवारवाद के खिलाफ बोलने वाली भाजपा में सिंधिया का एमपीसीए में परिवारवाद जारी हैं।भाजपा मौन हैं।
एमपीसीए की अवैध कमेटी के खिलाफ तत्काल एमपीसीए में रिसीवर की नियुक्ति शिवराज सरकार को करने के साथ 1 अक्टूबर के बाद के समस्त निर्णयों की समीक्षा के लिए फ़र्म एंव सोसायटी के अंतर्गत रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाना चाहिए एंव इसके बाद एमपीसीए में चुनाव होना चाहिए।