खाद्य वस्तुओं में मिलावट के विरुद्ध कलेक्टर सिंह का बड़ा कदम, किया मार्गदर्शक मंडल गठन

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By Akanksha JainPublished On: December 26, 2020

इंदौर 26 दिसम्बर, 2020
खाद्य वस्तुओं में मिलावट रोकने के लिये कलेक्टर द्वारा मार्गदर्शक मंडल गठित किया गया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनीष सिंह द्वारा इस संबंध में दण्ड विधान संहिता-1973 की धारा-144 के तहत आदेश जारी किया है। विभिन्न माध्यमों एवं निरीक्षण में यह तथ्य ध्यान में आया कि खाद्य सामग्री में अपमिश्रण व मिलावट की जा रही है, जिससे आमजन के स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न हो रहा है। इस प्रकार नकली एवं मिलावट वाली खाद्य सामग्री के विक्रय से इंकार नहीं किया जा सकता है। मिलावटी एवं नकली खाद्य सामग्री वं उससे निर्मित खाद्य पदार्थो का सेवन मानव शरीर एवं स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकारक है, जो कई संक्रामक रोगों को जन्म दे सकता है।
नमकीन और चिप्स से संबंधित सभी निर्माताओं को उनके व्यवसाय से संबंधित एसोसिएशन का सदस्य बनना अनिवार्य होगा ताकि भविष्य में अनियमितता पाई जाने पर कार्यवाही या कोई मार्गदर्शन देना हो तो उनके एसोसिएशन के माध्यम से दिया जा सकें। सभी खाद्य सामग्री के दुकानदार, निर्माता, उत्पादकों को अपने संस्थानों में पूर्णरूप से साफ-सफाई रखना अनिवार्य होगा तथा हाईजीन का ध्यान रखना अनिवार्य होगा, ताकि खाद्य सामग्री मक्खी, मच्छर आदि जन्तुओं या दूषित हवा से मानव उपयोग के लिए दूषित या अस्वस्थकारक या अनुपयोगी न हो सकें।
जारी आदेशानुसार सभी नमकीन और चिप्स निर्माता अपने उत्पादन में वहीं सामग्री डाल सकेंगे, जो भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, दिल्ली द्वारा अनुमोदित है। इस संबंध में निर्माता (दोनों) उल्लेखित नमकीन एसोसिएशन की समिति से संपर्क कर मार्गदर्शन ले सकते है। सभी खाद्य सामग्री के दुकानदार, निर्माता, उत्पादकों सभी को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु एक मार्गदर्शन मण्डल नियुक्त किया गया है, जिसमें सदस्य के रूप में अध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ इण्डस्ट्रीज म.प्र प्रमोद डफरिया, उपाध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ इण्डस्ट्रीज म.प्र योगेश मेहता, राष्ट्रीय प्रशिक्षक रामनाथ सूर्यवंशी और यशी श्रीवास्तव, नमकीन एसोसिएशन अनुराग बोथरा और विकास जैन, खाद्य सुरक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र सोनी को सदस्य मनोनीत किया गया है। किसी भी विक्रेता या व्यवसायी को किसी प्रकार का कोई मार्गदर्शन लेना हो तो, इन सदस्यों से प्राप्त किया जा सकता है।
अधिसूचित क्षेत्र में उक्तादेश के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु निम्नलिखित अधिकारियों को प्राधिकृत किया गया है। समस्त कार्यपालिक दण्डाधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से संबंधित अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारी नगर निगम और शासकीय चिकित्साधारी जो सहायक चिकित्सा अधिकारी के पद के नीचे ने हो। यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त आदेश का उल्लंघन करेगा तो उसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के प्रावधानों के तहत अभियोजन किया जायेगा।