महाकाल लोक में दिखेगा दिव्यता और भव्यता का अद्भुत संगम, 24 कमरों की बन रही हेरिटेज धर्मशाला

Share on:

इंदौर। मोक्षदायिनी शिप्राजी के तट पर स्थित उज्जैन प्राचीनकाल से ही धर्म दर्शन, संस्कृति , विद्या और आस्था का केंद्र रहा है। उज्जैन के प्रथम और शाश्वत शासक महाराजाधिराज श्री महाकाल ही हैं, इसीलिए उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है। इस शहर में केवल उन्हीं की हुकुमत चलती है। उनकी आज्ञा के बगैर यहां पर एक पत्ता भी नहीं हिलता। जो भी होता उसके पीछे महाकाल बाबा ही होते है। आज महाकाल मंदिर का पूरा नक्शा ही बदल गया है। महाकाल मंदिर का इतना विशाल रुप से विस्तार हुआ है की पूरा देश में इस पवित्र स्थल पर आने के लिए आतुर है। मप्र सरकार से लेकर स्थानीय सरकार बाबा की सेवा में लगी रहती है। महाकाल लोक के दूसरा चरण का कार्य भी अंतिम चरणों में पहुंच गया है। महाकाल के दरबार की शोभा बढ़ाने के लिए महाराजवाड़ा काम्लेक्स तथा हैरिटेज धर्मशाला का निर्माण चल रहा है। आगामी एक दो माह में खूबसूरत दिखने वाला महाकाल लोक और अधिक सुंदरता बिखेरेगा। पुरे निर्माण होने क़े बाद महाकाल क़े दरबार में भव्यता और दिव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा ।

24 कमरो की तैयार हो रही है हेरिटेज धर्मशाला

कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम ने बताया की महाकाल लोक के द्वितीय चरण में कुल 67.92 करोड़ रुपये की लागत से पुराने महाराजवाड़ा स्कूल कॉम्पलेक्स का संरक्षण एवं अन्य विकास कार्य स्मार्ट सिटी द्वारा कराये जा रहे हैं। इसमें 19.91 करोड़ रुपये की लागत से महाराजवाड़ा स्कूल भवन के मूल स्वरूप को बनाये रखते हुए यहां पर हैरिटेज धर्मशाला बनाई जा रही है। 47 हजार वर्गफीट निर्मित क्षेत्र में 24 कमरे भी बनाये जा रहे हैं। यही नहीं पुराने बाड़े का जीर्णोद्धार, प्रवचन हॉल का निर्माण, फूड कोर्ट एवं मनोरंजन क्षेत्र भी निर्मित हो रहे हैं।

1.15 लाख वर्गफीट में विकसित होगा ग्रीन एरिया

महाकाल लोक के द्वितीय चरण के कार्य तेजी से आकार ले रहे हैं। महाराजवाड़ा परिसर में लैंड स्केपिंग का कार्य भी किया जा रहा है। इसकी लागत 8.14 करोड़ रुपये है। लगभग एक लाख 15 हजार वर्गफीट में ग्रीन एरिया विकसित हो रहा है। यहां पर पौधारोपण एवं फव्वारों का निर्माण होगा, छत्रियों का विकास किया जायेगा। छोटा रूद्र सागर को महाराजवाड़ा से जोड़ने का कार्य, अनुभूति वन, चिन्तन वन, ध्यान केन्द्र का विकास, पर्यटकों को बैठने की व्यवस्था एवं ध्यान के लिये आकर्षक कुटियाओं का निर्माण किया जा रहा है।

बेसमेंट में पार्किंग और विक्रेता झोन की व्यवस्था पऱ होंगे खर्च 40 करोड़

महाराजवाड़ा फेज-2 बेसमेंट पार्किंग व विक्रेता झोन का निर्माण कार्य 39.87 करोड़ रुपये की लागत से किये जा रहे हैं। यहां पर चारपहिया वाहनों की पार्किंग (लगभग 217 वाहन), वीआईपी पार्किंग, आपातकालीन वाहन, ऑटो और ई-रिक्शा पार्किंग के लिये भूतल पार्किंग का प्रावधान किया गया है। बेसमेंट में शौचालय ब्लॉक के साथ ड्राइवर लाउंज का निर्माण, टॉयलेट ब्लॉक, बेसमेंट से ग्राउण्ड फ्लोर तक सीढ़ियां, ग्राउण्ड फ्लोर पर वेण्डर झोन के साथ ओडीएम का निर्माण व लैंड स्केपिंग का कार्य भी किया जायेगा। उक्त सभी निर्माण कार्य तेजी से किये जा रहे हैं तथा निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण होने की उम्मीद है।

महाराजवाड़ा परिसर में लैंडस्केपिंग

▪️कार्य की लागत – 8.14 करोड़
▪️कार्य की वर्तमान स्थिति – कार्य प्रगतिरत
▪️संभावित कार्य समाप्ति – 30.06.2023

प्रोजेक्ट पर एक नजर
▪️ लगभग 1,15,000 वर्ग फीट में ग्रीन एरिया
▪️ पौधारोपण एवं फव्वारे का निर्माण
▪️ छत्रिया का विकास
▪️ छोटा रुद्रसागर को महाराजवाड़ा से जोड़ने का कार्य
▪️अनुभूति वन, चिंतन वन, ध्यान केंद्र का विकास • महाकाल थाने से बड़ा गणेश रोड
▪️ पर्यटको के बैठने की व्यवस्था।

हेरिटेज धर्मशाला का संरक्षण एवं विकास

▪️ कार्य की लागत – 19.91 करोड़
▪️कार्य की वर्तमान स्थिति – कार्य प्रगतिरत
▪️संभावित कार्य समाप्ति – 30.06.2023

प्रोजेक्ट पऱ एक नजर

  • महाराजवाड़ा का निर्माण 1941 में मराठा साम्राज्य द्वारा किया गया था
  • भवन के मूल स्वरुप को बनाये रखते हुए हेरिटेज धर्मशाला का निर्माण
  • निर्मित क्षेत्र 47,000 वर्ग फीट जिसमे 24 कमरे बनाये जा रहे है
  • पुराने वाडे का जीर्णोद्धार एवं प्रवचन हॉल का निर्माण फूड कोर्ट, मनोरंजन क्षेत्र का निर्माण

महाकाललोक के सेकण्ड फेज का निर्माण कार्य अंतिम चरणों में पहुँच गया है। कार्य पूर्ण होने पऱ मंदिर परिसर में दिव्यता और भव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। इन कार्यों के साथ साथ श्रावण मास की भी व्यवस्था करना है। इस बार अधिकमास होने से महाकाल की 10 सवारियां निकलेगी। हमने तैयारियां प्रारम्भ कर दी है – कुमार पुरषोत्तम, कलेक्टर, उज्जैन