भारतीय बैडमिंटन टीम चयन की एक नीति-नियम क्यों नहीं?

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भारतीय बैडमिंटन टीम चयन की कोई एक नीति-नियम नहीं हैं, अपनी सुविधानुसार और अपनों का हित देखकर नियम बदल दिए जाते हैं, भारतीय टीम चयन मे पहले विश्व रैंकिंग में टॉप-25 में होने पर सीधे भारतीय टीम में शामिल करने की नीति थी, फिर पिछले साल 2020 के थामस कप-युबेर कप एवं 2021के सुदिरमन कप के लिए भारतीय टीम चयन में यह टाप-20 तक हो गया और अब 6 माह बाद ही टाप-15 कर दिया.

पिछले साल टाप-20 करने का परिणाम यह रहा कि लक्ष्य सेन चयन दौर में एक मैच की हार से ही भारतीय टीम से बाहर हो गए, फिर उन्होंने अपने शानदार खेल से दिखा दिया कि उनके साथ तब अन्याय हुआ था, इस बार क्या एक खिलाड़ी को कैसे भी टीम में शामिल करने के अवसर को बनाए रखने के लिए ही टाप-20 के नियम को बदल कर टाप-15 नहीं किया गया है?

एक बैडमिंटन विशेषज्ञ कहते हैं कि विश्व रैंकिंग में टाप-20 के भारतीय खिलाडियों के सीधे भारतीय टीम में शामिल होने का ही नियम बरकरार रहता तो महिला युगल में अश्विनी पोनप्पा और सिकी रेड्डी का सीधा चयन होने से एक प्रशिक्षक की बिटिया के टीम चयन के अवसर कम हो जाते, तभी तो दो जोड़ी के बाद तीसरे युगल खिलाड़ी के लिए भी पुरुष और महिला युगल के लिए अलग-अलग नियम बनाया गया है, जो नियम महिला युगल और मिश्रित युगल के लिए रखा गया है, वहीं नियम पुरुष युगल और मिश्रित युगल के लिए क्यों नहीं हैं!!

ट्रेसा जोली और गायत्री गोपीचंद ने आल इंग्लैंड में सेमीफाइनल खेलकर नि:संदेह श्रेष्ठ प्रदर्शन किया हैं, लेकिन वे अन्य भारतीय जोड़ियों से जीत ही जाए, इसकी क्या गारंटी है, शिखा गौतम और अश्विनी भट की भी बेहतर जोड़ी है, तनिषा क्रास्टो और श्रुति मिश्रा एवं सिमरन सिंघी और रितिका ठाकेर की जोड़ी भी हैं, अश्विनी पोनप्पा और सिकी रेड्डी एवं तनिषा क्रास्टो और श्रुति मिश्रा में से एक जोड़ी ही चयन ट्रायल्स में आगे बढ़ सकेगी क्योंकि दो जोड़ी के ही “अ”समूह में वे ही आपस में भिड़ रही है, अनुभवी अश्विनी पोनप्पा और सिकी रेड्डी का पलड़ा भारी हैं,वैसे ट्रेसा जोली और गायत्री गोपीचंद की नई जोड़ी भी बेहतर है, तो एक खिलाड़ी कैसे भी टीम में आए क्या इसीलिए तो ट्रेसा जोली को मिश्रित युगल में नहीं खेलने दिया जा रहा है, ध्रुव कपिला और सिकी रेड्डी की जोड़ी को नहीं उतरने दिया गया है, जबकि वे कुछ अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में साथ खेले है, ध्रुव कपिला, गायत्री गोपीचंद के साथ और सिकी रेड्डी, के साईं प्रतीक के साथ मिश्रित युगल खेल रहे हैं, ट्रेसा मिश्रित युगल की भी बेहतर खिलाड़ी हैं, जब टाप-15 का ही नियम बनाया तो वह सभी के लिए होना था, एच एस प्रणोय को विश्व 23 रैंकिंग होने पर भी सीधे क्यों लिया जा रहा है, जबकि बी साईंप्रणीत उनसे बेहतर 19वीं विश्व रैंकिंग खिलाड़ी हैं, फिर भी उन्हें ट्रायल्स खेलना पड रहा है, साइना नेहवाल की भी तो महिला एकल में 23वीं विश्व रैंकिंग हैं, साइना नेहवाल ने आलोचना की और कहा वे राष्ट्रमंडल में खेलना चाहती लेकिन…..आल इंग्लैंड में साइना ने विश्व नंबर एक जापान की अकाने यामागुची को कड़ी चुनौती देकर यह साबित किया है कि 32 की आयु में भी वे दम रखती है,
साइना नेहवाल आल इंग्लैंड में अकाने यामागुची से 14-21,21-17,17-21से 50मिनट के संघर्ष में हारी हैं, जबकि पी वी सिंधु और साइना नेहवाल के अलावा किसी भारतीय लड़की ने टाप खिलाड़ियों को नहीं हराया हैं,
एच एस प्रणोय बेहतर खेल रहे हैं तो‌ टायल्स में भी जीत जाते, पूर्व विश्व नंबर एक साइना नेहवाल को आश्चर्य हो रहा है कि भारतीय बैडमिंटन संगठन (बी ए आई) यह चाहता है कि वे राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल में नहीं खेले, साइना ने भारतीय टीम के चयन दौर गलत समय कराने की आलोचना की है और कहा कि इस समय वह चयन मुकाबले नहीं खेलना चाहती हैं, वह अपना राष्ट्रमंडल खेल खिताब तो बचाने की चाहत रखती है, साइना नेहवाल ने बताया कि पूरे मार्च में वह योरोपीय दौरे पर थी, जर्मन खुली, आल इंग्लैंड और स्विस खुली स्पर्धा में खेली, तभी अचानक बी ए आई ने 2अप्रैल को ट्रायल्स की घोषणा कर दी, दो सप्ताह बाद एशियाई बैडमिंटन स्पर्धा भी फिलीपींस में हैं, एशियाई बैडमिंटन स्पर्धा 26अप्रैल से 1मई तक मनीला(फिलीपींस)में हैं , जिसमें साइना नेहवाल हिस्सा ले रही हैं. नानस्टाप खेलने से क्या चोटिल होने की संभावना नहीं बनती है,व ह कैसे खतरा मोल ले सकती है, इसी वजह से ट्रायल्स से हटी है.

मालविका बंसोड़,आकर्षी कश्यप, अस्मिता चालिया और अनुपमा उपाध्याय अच्छा खेल रही है लेकिन अभी किसी ने भी विश्व की टाप खिलाड़ियों को नहीं हराया हैं. यह सही है कि एशियाई टीम बैडमिंटन स्पर्धा (फरवरी) में नये भारतीय खिलाडियों के खेलने से ही भारत समूह लीग से आगे नहीं बढ़ सकी थी, पी वी सिंधु और साइना नेहवाल के अलावा कोई भी भारतीय लड़की विश्व में टाप-50 में नहीं है, तेजी से उभरती जूनियर अनुपमा उपाध्याय को तो ट्रायल्स में मौका भी नहीं दिया जा रहा है!!

भारतीय टीम चयन बिना मुख्य प्रशिक्षक के ही

थामसकप-युबेर कप, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के लिए भारतीय टीम का चयन हो रहा है एवं इस समय भारत का कोई मुख्य प्रशिक्षक नहीं हैं ! मुख्य प्रशिक्षक पुलैला गोपीचंद भारतीय बैडमिंटन संगठन (बी ए आई) चुनाव लडने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं, अब वे बीएआई.उपाध्यक्ष है और मुख्य जूनियर प्रशिक्षक संजय मिश्रा भी भारतीय बैडमिंटन संगठन के महासचिव हैं, वैसे दोनों ही अभी अहम भूमिका निभा रहे हैं, बीएआई. को भारतीय टीम चयन मुकाबले से पहले तो भारत के मुख्य प्रशिक्षक की नियुक्ति जरुर कर देनी थी,
खिलाड़ियों की उपेक्षा और चयन नीति -नियम में एकरुपता के अभाव के बावजूद इस पर चयनकर्ताओं की खामौशी से भी सभी चकित हैं, एक बैडमिंटन विशेषज्ञ और अनुभवी प्रशिक्षक ने कहा कि बीएआई.अध्यक्ष असम के मुख्यमंत्री हिमान्ता बिस्वा सरमा को हस्तक्षेप करना चाहिए ,जिन खिलाड़ियों के साथ अन्याय हुआ है, उन्हें भी बीएआई. अध्यक्ष से शिकायत करना चाहिए.

अब दर्शक गैलरी में

नई दिल्ली में के डी जाधव इनडोर स्टेडियम में अब प्रशिक्षक, पालकगण और मीडिया दर्शक गैलरी से चयन दौर के मैच देख सकेगा,पहले बीएआई. ने इन पर स्टेडियम प्रवेश पर ही रोक लगा दी थी, जिसका विरोध कर कड़ा ऐतराज जताया गया था एवं कहा गया था कि ऐसे पारदर्शिता कैसे रहेगी.

6 खिलाडियों का सीधे चयन

भारतीय बैडमिंटन संगठन महासचिव संजय मिश्रा ने बताया कि भारतीय टीम चयन मुकाबले 15 से 20 अप्रैल तक समूह लीग कम राउंड रोबिन लीग आधार पर होंगे,पी वी सिंधु(महिला एकल)लक्ष्य सेन,किदांबी श्रीकांत,एच एस प्रणोय(पुरुष एकल), सात्विक साईंराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी (पुरुष युगल)का थामस कप-युबेर कप, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के लिए चयन समिति ने सीधे चयन किया हैं. चयन मुकाबले से थामस कप और एशियाई खेलों के लिए पुरुष टीम में पुरुष एकल में एक और महिला एकल में तीन खिलाड़ी, पुरुष युगल में दो जोड़ी और महिला युगल में तीन जोड़ियों का चयन होगा.

राष्ट्रमंडल के लिए पुरुषों में एक ही और महिलाओं में

राष्ट्रमंडल खेलों के लिए 5 पुरुष और 5 महिला खिलाड़ियों का ही टीम में चयन होना हैं, पुरुषों में लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत एवं सात्विक साईंराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी , महिलाओं में पी वी सिंधु का चयन हो चुका हैं, पुरुषों में एक जगह ही रिक्त हैं जिसमें मिश्रित युगल विजेता खिलाड़ी को लिया जाएगा, महिलाओं में एक एकल एवं तीन युगल और मिश्रित युगल खिलाड़ी को लेना हैं, महिला युगल विजेता और मिश्रित युगल खिलाड़ी को लिया जाएगा, मिश्रित युगल से महिला खिलाड़ी को प्राथमिकता दी जाएगी.

# (आगे भी जारी …)

अश्मिता,समीर और सौरभ वर्मा बंधु पराजित, साईंप्रणीत, अदिति,आकर्षी, मालविका, तान्या, तस्नीम,शिखा और अश्विनी जीते.
चयन मुकाबले 15 अप्रैल सुबह से नईदिल्ली में शुरु हुए.
बी साईंप्रणीत,मिठुन मंजुनाथ, मैस्नाम मैराबा लुवांग,आकर्षी कश्यप, मालविका बंसोड़, अदिति भट्ट,तारा शाह, तस्नीम मीर, तान्या हेमंत, पूर्वा बर्वे ने अपने पहले लीग मैच जीते.
अदिति भट्ट ने तीसरे क्रम की अश्मिता चालिया को14-21,21-14,21-15 से हराकर उलटफेर किया, तारा शाह ने समिया इमाद फारुखी को 21-18,24-22 से हराया.
समीर और सौरभ वर्मा बंधु अपने पहले मैच हार गए, दूसरे क्रम के समीर वर्मा को कार्तिकेय गुलशन कुमार ने 21-10,17-21,14-21से और तीसरे क्रम के सौरभ वर्मा को मध्य प्रदेश के ही आलाप मिश्रा ने 17-21,12-21से पराजित कर उलटफेर किया. म.प्र.से चार खिलाड़ी समीर और सौरभ वर्मा, आलाप मिश्रा और प्रियांशु राजावत चयन मुकाबले में हिस्सा ले रहे हैं. म.प्र.के पूर्व खिलाड़ी आदित्य जोशी भी सौरभ वर्मा और आलाप मिश्रा के साथ “से”समूह में हैं.
शिखा गौतम और अश्विनी भट ने सिमरन सिंघी और रितिका ठाकेर को महिला युगल में 21-18,23-21से हराया. ट्रेसा जोली और गायत्री गोपीचंद आसानी से अपना मैच जीता, पुरुष युगल में कृष्ण प्रसाद गर्ग और विष्णु वर्धन गोड पंजला, रविकृष्ण और संकर प्रसाद उदयकुमार, हरिहरन और रुबेन कुमार ने पहले समूह लीग ममैच जीते, रविकृष्ण और संकर प्रसाद उदयकुमार ने विग्नेश देवलेकर और दीप राम्भिया को 21-9,19-21,21-17 से हराया.

धर्मेश यशलहा
सरताज अकादमी
“स्मैश “