कब होंगे अक्षय बम गिरफ्तार? घर के बाहर पहरा दे रही पुलिस, गिरफ़्तारी वारंट जारी होने के बाद भी पहुंचे थे मतदान करने

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इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम द्वारा द्वारा आखिरी वक़्त पर अपना नामांकन वापस ले लिया और बीजेपी में शामिल हो गए। अक्षय बम और उनके पिता दोनों ही हत्या के प्रयास में आरोपी है इन दोनों पर धारा 307 के तहत मामला दर्ज है। इन दोनों को 10 मई को कोर्ट में पेश होना था किन्तु ये कोर्ट में पेश नहीं हुए। कोर्ट में पेश नहीं होने के कारण इनके खिलाफ गिरफ्तार वारंट जारी किया गया किन्तु पुलिस ने अभी तक इन दोनों को गिरफ्तार नहीं किया है।

अक्षय बम ने मतदान केंद्र पहुंच कर किया मतदान
अक्षय बम ने 13 मई को मतदान केंद्र पहुंच कर अपना मतदान भी किया। बता दे कि पुलिस 29 अप्रैल से ही इनके घर के बाहर सुरक्षा दे रही है।

अक्षय बम कब होंगे गिरफ्तार?

अक्षय कांति बम और उनके पिता दोनों के खिलाफ जिला कोर्ट ने पेश होने के आदेश के बाद भी कोर्ट में पेश न होने के कारण कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इस वारंट में पुलिस को 8 जुलाई तक उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के लिए समय दिया गया है। इस दौरान पुलिस कभी भी बम को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर सकती है। इस दौरान बम के पास पूरा मौका रहेगा कि बम हाई कोर्ट में जाकर जमानत याचिका दाखिल कर सकते है।

अक्षय बम ने कोर्ट में पेश न होने का क्या कारण बताया?

बम के अदालत में अनुपस्थिति का कारण उनके वकील मुकेश देवल ने बताते हुए कहा कि बम पारिवारिक कार्य में व्यस्त होने के कारण कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाए। जबकि उनके पिता ने हृदय की समस्या व दस दिन के बेड रेस्ट का हवाला देते हुए डॉक्टर का प्रेस्क्रिप्शन दिया। लेकिन कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर उन्हें 8 जुलाई को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।

बम के BJP में शामिल होने से बीजेपी पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?

बम पर हत्या के प्रयास का आरोप तो है ही साथ ही धारा 307 के साथ-साथ कॉलेज की पूर्व फैकल्टी ने भी उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग कर यूनिवर्सिटी के लिए गलत तरीके से मान्यता लेने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में शिकायत दर्ज करायी है। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने भी शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि आखिरी वक्त में नामांकन वापस लेकर मतदाताओं के साथ धोखा किया गया है। वहीं, इस बम द्वारा नामांकन आखिरी समय में वापस लेने के बाद और कांग्रेस का कोई उमीदवार न होने के कारण कांग्रेस द्वारा नोटा को लेकर अभियान चलाया गया, उसने पूरी बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया।