कब और कैसे हुई प्रवासी दिवस की शुरुआत, पढ़िए- इससे जुड़ी पूरी कहानी

pallavi_sharma
Published on:

साल 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहल पर पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया. तब से लगातार यह दिवस हर साल मनाया जा रहा है.विदेशों में रहने वाले भारतीय लोगों के लिए 09 जनवरी का खास महत्व है. उन सबको इस दिन का इंतजार रहता है. इसे प्रवासी भारतीय दिवस कहते हैं. भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को सम्मान देने के लिए हर साल इसे मनाया जाता है. अपना देश गुरुवार को 16वां प्रवासी भारतीय दिवस मना रहा है.

साल 1915 के नौ जनवरी को ही महात्मा गांधी अपने सबसे बड़े विदेश प्रवास यानी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आए थे. साल 1893 में गांधी दक्षिण अफ्रीका के नटाल प्रांत पहुंचे थे. वहां पर उन्हें रंगभेद का सामना करना पड़ा. वह चुप नहीं बैठे. इस नीति के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई. उन्होंने इसे भारतीयों के सम्मान के साथ जोड़ा. काफी संघर्ष और मेहनत के बाद गांधी रंगभेद के खिलाफ अपने मिशन में कामयाब हो गए.

अपनी इस जीत के साथ वो 22 साल बाद नौ जनवरी 1915 को स्वदेश लौट कर आए. भारत आकर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की अगुआई भी की. इसलिए नौ जनवरी या उसके आसपास प्रवासी भारतीय दिवस मनाकर देश अपने सबसे बड़े प्रवासी महात्मा गांधी को याद करता है.

कहां-कहां मनाया गया प्रवासी भारतीय दिवस

साल 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहल पर पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया. तब से लगातार यह दिवस हर साल मनाया जा रहा है. इस अवसर पर भारत के लिए अपनी भूमिका निभाने वाले लोगों को राष्ट्रपति के हाथों प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. अब तक देश की कई खास जगहों पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.

1 प्रवासी भारतीय दिवस, 2003 में नई दिल्ली 2 प्रवासी भारतीय दिवस, 2004 में नई दिल्ली 3 प्रवासी भारतीय दिवस, 2005 में मुंबई 4 प्रवासी भारतीय दिवस, 2006 में हैदराबाद 5 प्रवासी भारतीय दिवस, 2007 में नई दिल्ली 6 प्रवासी भारतीय दिवस, 2008 में नई दिल्ली 7 प्रवासी भारतीय दिवस, 2009 में चेन्नई 8 प्रवासी भारतीय दिवस, 2010 में नई दिल्ली 9 प्रवासी भारतीय दिवस, 2011 मे नई दिल्ली 10 प्रवासी भारतीय दिवस, 2012 में जयपुर 11 प्रवासी भारतीय दिवस, 2013 में कोच्चि (केरल) 12 प्रवासी भारतीय दिवस, 2014 में नई दिल्ली 13 प्रवासी भारतीय दिवस, 2015 में गांधीनगर 14 प्रवासी भारतीय दिवस, 2017 में बंगलुरु 15 प्रवासी भारतीय दिवस, 2019 में काशी

साल 2016 में प्रवासी भारतीय दिवस का समारोह पूर्वक आयोजन नहीं किया जा सका था. वहीं साल 2018 में क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस के तौर पर इसे पहली बार देश के बाहर सिंगापुर मनाया गया था.

प्रवासी भारतीय देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के साथ ही विदेशों में भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक भी हैं. साल 2003 से लगातार हर साल भारत सरकार अमूमन तीन दिवसीय सम्‍मेलन का आयोजन किया जाता है. पूर्वजों की जमीन से जोड़े जाने और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के अलावा प्रवासी भारतीय दिवस के कुछ खास उद्देश्य स्पष्ट किए गए हैं

विदेश में रह रहे भारतीय प्रवासियों की परेशानी जानने और जितना हो सकें उसे दूर करने के लिए.
युवा पीढ़ियों को अप्रवासियों से जोड़ने के लिए.
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए.
दुनियाभर में रहने वाले अप्रवासी भारतीय का नेटवर्क बनाने के लिए.
देश में निवेश को बढ़ाने के लिए और असाधारण योग्यता के व्यक्तियों के भारत के विकास में उनकी भूमिका की सराहना करने के लिए