आकाशवाणी इंदौर को बंद करने का क्या औचित्य है

Share on:

अर्जुन राठौर

स्मार्ट सिटी बन रहे इंदौर के लिए बुरी खबर है 1952 से शुरू हुआ आकाशवाणी इंदौर का केंद्र अब बंद करके इसे मात्र रिले सेंटर के रूप में उपयोग किया जाएगा इसका मतलब यह है कि सारे कार्यक्रम अब भोपाल में बनेंगे और वही से उनका प्रसारण होगा ।

इस पूरे मामले को लेकर आकाशवाणी इंदौर के कर्मचारियों सहित कैजुअल आर्टिस्ट तथा अन्य कलाकारों में जबरदस्त रोष है उनका कहना है कि एक तरफ तो इंदौर स्मार्ट सिटी बन रहा है दूसरी तरफ इंदौर तथा आसपास के क्षेत्र की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों के निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगाई जा रही है।

Must Read- कोरोना को हराने में प्रमाणिक जानकारियों की अहम भूमिका, लिखी जा रही है पुस्तक

बताया जा रहा है कि आकाशवाणी इंदौर का केंद्र पिछले कई वर्षों से लगातार घाटे में चल रहा था और यहां आमंत्रित किए जा रहे कलाकारों को पेमेंट भी लंबे समय से नहीं हो पा रहे थे यही वजह है कि सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है इसके बाद अब इंदौर का आकाशवाणी केंद्र सिर्फ रिले सेंटर के रूप में ही काम करेगा याने इस केंद्र में किसी भी प्रकार के कार्यक्रमों का निर्माण अब बंद हो जाएगा ।

आकाशवाणी इंदौर के माध्यम से हजारों कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां देने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई थी इंदौर से बनने वाले कार्यक्रमों ने विविध भारती पर भी खासी धूम मचाई ।

सोचने वाली बात तो यह भी है कि एक तरफ एफएम रेडियो लगातार लोकप्रिय हो रहा है और दूसरी तरफ सरकार इंदौर जैसे महत्वपूर्ण शहर में अपने केंद्र को महज रिले सेंटर बना कर छोड़ देना चाहती है ।