Donald Trump: जो काम बाइडेन 31 महीने में नहीं कर पाए, वो ट्रंप ने राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने से पहले ही कर दिखाया

Meghraj
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Donald Trump: 20 जनवरी 2025 को डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल शुरू होगा। उन्होंने अपने पहले भाषण में यह स्पष्ट किया कि उनका मुख्य उद्देश्य युद्धों को समाप्त करना होगा और इसके लिए वह यूक्रेन-रूस युद्ध को खत्म करने के लिए कदम उठाएंगे। ट्रंप के इस रुख के कारण वैश्विक कूटनीति और रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं, खासकर अमेरिका, NATO और रूस के रिश्तों में।

ट्रंप का युद्ध विराम का वादा

अपनी जीत के बाद, ट्रंप ने कहा था कि वह युद्धों को रोकेंगे और उनका प्रयास रहेगा कि अमेरिका को युद्धों से दूर रखा जाए। उन्होंने यह भी याद किया कि उनके पहले कार्यकाल में कोई नया युद्ध नहीं हुआ था, हालांकि ISIS को हराया गया था। इस बयान के बाद, यूक्रेन के आर्मी चीफ ने रूस के क्षेत्र कुर्स्क से अपनी सेना को वापस बुलाने का ऐलान किया, जो युद्ध के अंत की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

यूक्रेन-रूस युद्ध: 31 महीने की जंग

यूक्रेन और रूस के बीच जंग 24 फरवरी, 2022 को रूस के आक्रमण के साथ शुरू हुई थी। यह युद्ध अब तक 31 महीने से चल रहा है और दोनों देशों के बीच भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेन ने रूस के कब्जे वाले क्षेत्र कुर्स्क से अपनी सेना वापस बुलाने का निर्णय लिया है, जहाँ युद्ध के कारण भारी संख्या में सैनिकों की हानि हुई है।

ट्रंप का NATO और यूरोप पर रुख

ट्रंप ने अपने चुनावी भाषणों में NATO पर भी निशाना साधा था। उनका कहना है कि NATO के अन्य सदस्य देशों को अपनी सैन्य जिम्मेदारियां पूरी करनी चाहिए, खासकर वे देश जो अपनी GDP का 2% NATO को नहीं देते। ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह अमेरिका से NATO को मिलने वाली सैन्य और आर्थिक मदद में कटौती कर सकते हैं, जिससे यूरोपीय देशों पर दबाव बढ़ेगा। इसके अलावा, वह जर्मनी से अपनी सेना वापस बुलाने का विचार कर सकते हैं, जो कि NATO के भीतर एक बड़ा बदलाव होगा।

ट्रंप का यूक्रेन को लेकर संभावित कदम

ट्रंप का यूक्रेन को दी जा रही सैन्य और आर्थिक मदद में कमी करने का विचार है। वह अमेरिका से NATO और अन्य देशों को यूक्रेन में दखल देने के लिए दबाव डालने के बजाय रूस के साथ शांति प्रक्रिया पर जोर दे सकते हैं। उन्होंने पहले ही यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को एक “शानदार सेल्समैन” करार दिया था, और यह संभावना जताई थी कि वह रूस और यूक्रेन के बीच शांति प्रक्रिया शुरू करने के लिए ज़ेलेंस्की पर दबाव बना सकते हैं।

युद्ध समाप्ति की दिशा में ट्रंप का समाधान

ट्रंप ने दावा किया था कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्दी खत्म कर सकते हैं। इसके लिए, वह यह हो सकता है कि वे रूस के कब्जे वाले कुछ क्षेत्रों को (जैसे कि क्रीमिया, लुहांस्क, डोनेस्क) रूस को सौंपने का प्रस्ताव दे सकते हैं, ताकि शांति समझौते की दिशा में कोई समाधान निकले। इसके परिणामस्वरूप, यूक्रेन पर शांति वार्ता के लिए दबाव बढ़ सकता है, जिससे युद्ध के अंत का रास्ता साफ हो सकता है।

ट्रंप की जीत का यूक्रेन पर असर

यदि ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक सहायता में कटौती की, तो यह यूरोपीय देशों और NATO के लिए एक बड़ा संकट हो सकता है। NATO के सदस्य देशों को अपनी रक्षा बजट को बढ़ाना होगा, ताकि वे अमेरिकी मदद पर निर्भर न रहें। ट्रंप की रूस के साथ संबंधों में सुधार की नीति, यूक्रेन की रणनीति को बदल सकती है, और यूक्रेन को रूस के साथ समझौता करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।

ट्रंप की संभावित जीत से वैश्विक कूटनीति, खासकर यूरोप और रूस के साथ अमेरिका के रिश्तों में बड़ा बदलाव आ सकता है। उनका रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए एक अलग दृष्टिकोण हो सकता है, जिसमें अमेरिका की भूमिका को घटाया जा सकता है और युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जा सकता है।