भारत-पाक शांति पर दावा कर पलटे ट्रंप, सीजफायर पर अब कह दी ये बात

भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर डोनाल्ड ट्रंप ने सफाई दी कि उन्होंने मध्यस्थता नहीं की, बल्कि सिर्फ हालात सामान्य करने में सहयोग किया।

Abhishek Singh
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भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर पहले किए गए दावे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब सफाई दी है। ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा था, ऐसे में अमेरिका ने केवल हालात सामान्य करने में मदद की। उन्होंने स्पष्ट किया, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मैंने मध्यस्थता की, बल्कि हमने सिर्फ समस्या को सुलझाने में सहयोग किया।

युद्धविराम पर ट्रंप ने बताई थी खुद की अहम भूमिका

भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को युद्धविराम की घोषणा हुई थी, जिसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका श्रेय स्वयं को दिया। ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा, “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान ने तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई है। दोनों देशों ने परिपक्वता और समझदारी का परिचय दिया है।” हालांकि, भारत सरकार ने ट्रंप के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया था।

तनाव की चरम सीमा पर पहुंच गए थे हालात

हालांकि डोनाल्ड ट्रंप अपने व्यापार संबंधी बयान पर कायम रहे। उन्होंने दोहराया कि स्थिति तब ही नियंत्रण में आई जब उन्होंने व्यापार का मुद्दा उठाया। ट्रंप ने कहा, “पिछले सप्ताह भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। दोनों देशों ने अचानक मिसाइलें दागनी शुरू कर दी थीं, लेकिन हमने हस्तक्षेप कर हालात को संभाला।”

ट्रंप ने कहा, “भारत और पाकिस्तान लंबे समय से संघर्ष की स्थिति में हैं। मुझे लगा कि शायद मैं किसी समझौते की दिशा में प्रयास कर सकता हूं, और मैंने वह कर दिखाया। आखिर कब तक लड़ाई जारी रह सकती थी? हालांकि मुझे पूरा यकीन नहीं था कि दोनों देश सहमत होंगे, क्योंकि यह प्रक्रिया बेहद कठिन थी। स्थिति सच में नियंत्रण से बाहर जाती दिख रही थी।”

सीजफायर पर ट्रंप की भूमिका को भारत ने नकारा

भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच अमेरिका के साथ किसी भी बातचीत में व्यापार से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं उठा था। इसके बाद 11 मई को डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया, “मुझे भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व पर गर्व है, जिन्होंने साहस, विवेक और निर्णायकता के साथ यह तय किया कि अब तनाव को विराम देने का समय है। यह टकराव लाखों लोगों की जान और भारी तबाही का कारण बन सकता था।”