साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगने वाला है। ये ग्रहण वर्ष राशि में लगने वाला है। वर्ष राशि में लगने की वजह से इस ग्रहण का प्रभाव मीन राशि के जातकों पर ज्यादा होगा। इस दिन वट सावित्री व्रत भी है। ये त्योहार ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शनि जयंती भी पड़ रही है। शनि जयंती को शनिदेव के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
बता दे, ये व्रत उत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि वट सावित्री व्रत महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाऐं अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। महिलाऐं इस दिन बरगद के पेड़ की परिक्रमा करती हैं और उस पर सुरक्षा का धागा बांधकर पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं।
आपको बता दे, इस बार ऐसा संयोग बन रहा है जिससे एक ही दिन में तीन तीन चीज़ें एक साथ पड़ रही है। सूर्य ग्रहण, शनि जयंती और वट सावित्री व्रत। चूंकि सूर्य ग्रहण और वट सावित्री व्रत एक ही दिन पड़ रहे हैं। ऐसे में वट सावित्री व्रत की पूजा और उपवास को लेकर कई महिलाओं के मन संदेह है। तो चलिए जानते है क्या इस बार वट सावित्री व्रत पूजा करनी चाहिए।
ये सूर्य ग्रहण अमेरिका, यूरोप और एशिया में आंशिक तौर पर दिखाई देगा जबकि ग्रीनलैंड, उत्तरी कनाडा और रूस में पूर्ण सूर्य ग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा। वहीं इस बार का सूर्य ग्रहण भारत के केवल अरुणाचल प्रदेश में आंशिक तौर पर दिखाई देगा। ऐसे में इस बार विवाहित स्त्रियां वट सावित्री व्रत की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ कर सकती हैं।
वट सावित्री अमावस्या –
अमावस्या तिथि 9 जून 2021 दोपहर 01:57 से शुरू होकर 10 जून 2021 शाम 04:22 पर समाप्त होगी।
व्रत पारण तिथि- 11 जून 2021 शुक्रवार।