ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन कोवोवैक्स के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए संशोधित प्रोटोकॉल को मंजूरी दे दी है. यह ट्रायल बिना प्लेसिबो के किया जा सकेगा. प्लेसिबो नियंत्रित ट्रायल में कुछ वॉलंटियर्स को दवा या वैक्सीन दी जाती है तो कुछ को प्लेसिबो दिया जाता है. इससे शोधकर्ताओं को दवा या वैक्सीन के प्रभावीकरण को परखने में मदद मिलती है.
कोवोवैक्स को पुणे में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अमेरिका की कंपनी नोवावैक्स के साथ मिलकर बना रहा है. संशोधित गाइडलाइंस के तहत देश के 20 अलग-अलग स्थानों पर 18 साल से अधिक उम्र के 1800 वॉलंटियर्स को कोवोवैक्स लगाई जाएगी.