UP Sambhal Violence: किसके आदेश पर शाही मस्जिद में हुआ दोबारा सर्वे… बवाल के बाद संभल में कैसे हैं हालात?

srashti
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UP Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा फैल गई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों में कुछ पुलिसकर्मी और एसडीएम भी शामिल हैं। इस हिंसा के बाद संभल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं और तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है।

शाही मस्जिद का सर्वे क्यों हुआ विवादास्पद?

शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। आरोप यह भी लगाए गए कि इस मस्जिद के दोबारा सर्वे का आदेश संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने दिया था। इस संबंध में जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली ने दावा किया कि उन्हें प्रशासन की ओर से सर्वे के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई थी। हालांकि, जिलाधिकारी ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि जफर अली का बयान गलत है और प्रशासन ने उन्हें सर्वे की जानकारी दी थी।

प्रशासन का पक्ष

डीएम राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि मस्जिद का सर्वे करने का आदेश 23 नवंबर की रात को एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम से जारी किया गया था। इसमें स्पष्ट रूप से बताया गया था कि 24 नवंबर को सुबह सात बजे से शाही मस्जिद का सर्वे किया जाएगा। इस सर्वे को लेकर प्रशासन का कहना था कि यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की जा रही थी, क्योंकि हिंदू पक्ष ने शाही मस्जिद को लेकर दावा किया था कि यह स्थान पहले हरिहर मंदिर था।

हिंसा के बाद संभल में पुलिस तैनात

हिंसा के बाद संभल में स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी, जिसके चलते भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस ने इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए, जिसमें ड्रोन कैमरे से निगरानी, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान, और जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती शामिल थी। फिलहाल, 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इंटरनेट सेवा अब भी निलंबित है। इस समय संभल में स्थिति सामान्य दिखाई दे रही है, स्कूल खुल चुके हैं और कई इलाकों में दुकानें भी खुली हैं।

गिरफ्तारी और जांच की प्रक्रिया

पुलिस ने अब तक 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि इलाके में और भी लोगों की पहचान की जा रही है। इस मामले में सात एफआईआर दर्ज की गई हैं। मामले की जांच में सांसद जिया उर रहमान वर्क और संभल विधायक के बेटे सुहैल इकबाल का भी नाम सामने आया है, जिन्हें आरोपियों में शामिल किया गया है।

संभल में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि जो लोग हिंसा में शामिल हुए हैं, उनसे नुकसान की भरपाई की जाएगी। पुलिस ने बताया कि हिंसा के दौरान किसी को गोली नहीं मारी गई, बल्कि केवल प्लास्टिक बुलेट का इस्तेमाल किया गया। साथ ही, संभल के बाहरी इलाकों में 30 नवंबर तक प्रवेश पर रोक लगाई गई है।

हिंदू पक्ष का दावा और कोर्ट का आदेश

शाही मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यह स्थल पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाद में मस्जिद में बदल दिया गया। इस दावे के आधार पर, हिंदू संगठन कोर्ट भी गए थे, और कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद 24 नवंबर को सर्वे हुआ था, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। हिंसा में चार लोगों की जान चली गई और कई अन्य लोग घायल हो गए।

संभल में शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर भड़की हिंसा ने पूरे जिले में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। प्रशासन ने स्थिति को काबू में करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, लेकिन हिंसा की जड़ में स्थित धार्मिक और कानूनी विवाद को लेकर अब भी कई सवाल उठ रहे हैं। मामले की जांच जारी है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।