उज्जैन : आज लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए पीएचई विभाग की सहायक यंत्री को 60 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई एक ठेकेदार की शिकायत पर की गई, जिसने जल जीवन योजना के तहत घटिया ब्लाक के झीतरखेड़ी और कालूखेड़ी गांवों में पानी की टंकियां और नल लगाने का काम पूरा किया था।
ठेकेदार, अक्षय पाटीदार, ने बताया कि उसने 80 लाख रुपये में यह ठेका लिया था और उसे छह माह में काम पूरा करना था। हालांकि, कोरोना महामारी और विभागीय देरी के कारण काम 10 माह में पूरा हुआ। इस वजह से, अधिकारियों ने 10 लाख रुपये का अंतिम भुगतान रोक दिया।
रिश्वत की मांग
भुगतान न मिलने से परेशान पाटीदार ने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई। इसी बीच, सहायक यंत्री ने कथित तौर पर अधीक्षण यंत्री के नाम पर रिश्वत की मांग की, ताकि उनका भुगतान जल्दी से जल्दी हो सके।
लोकायुक्त ने रिश्वतखोर को रंगे हाथों पकड़ा
शिकायत की जांच के बाद, लोकायुक्त ने जाल बिछाया और सहायक यंत्री को 60 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह घटना जल जीवन योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है। ठेकेदारों को भुगतान न मिलने पर रिश्वत देने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जिससे योजना का लाभ उठाने वाले ग्रामीणों को परेशानी होती है।
यह गिरफ्तारी एक सख्त संदेश देती है
लोकायुक्त की इस कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों को एक सख्त संदेश गया है। यह दर्शाता है कि सरकार भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।