उज्जैन। कलेक्टर आशीष सिंह ने गुरूवार को हरिफाटक ब्रिज के नीचे स्थित संभागीय हाट बाजार के सभाकक्ष में जिले में जैविक खेती करने वाले किसानों के साथ जैविक उत्पाद समीक्षा के सम्बन्ध में बैठक की। कलेक्टर ने कहा कि जिला पंचायत के संभागीय हाट बाजार का उपयोग पूर्णत: जैविक पद्धति से उगाये गये अनाज, सब्जियां और फलों की बिक्री और मार्केटिंग के लिये किये जाने पर विचार किया जा रहा है। संभागीय हाट बाजार में जैविक खेती करने वाले किसानों को दुकानें उपलब्ध कराई जायेंगी, ताकि एक ही स्थान पर जैविक सब्जियां, अनाज और फलों की बिक्री हो सके। इस प्रकार संभागीय हाट बाजार जैविक पद्धति से उगाये गये फल और सब्जियों की बिक्री के लिये उपयुक्त स्थान बनेगा।
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि संभागीय हाट बाजार में सप्ताह में दो दिन दुकानें लगाई जायेंगी। इससे जिले में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। जैविक खेती करने वाले किसान प्रोत्साहित होंगे। साथ ही उन्हें अपने उत्पादों की बिक्री करने के लिये एक निश्चित स्थान मिलेगा। कलेक्टर ने जैविक खेती करने वाले किसानों से जैविक खेती को बढ़ावा देने और उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिये आवश्यक सुझाव लिये।
बैठक में विक्रम विश्वविद्यालय से सेवा निवृत्त हुई लेक्चरर श्रीमती सुधा मल ने कहा कि वे सन 2013 से जैविक खेती कर रही हैं। जैविक उत्पादों की मार्केटिंग में काफी समस्याएं आती हैं। साथ ही इनके खरपतवारनाशक भी बाजार में आसानी से नहीं मिलते हैं। जैविक खेती करने वाले किसानों को एमपीसोका से प्रमाण-पत्र दिये जाते हैं, जो प्रतिवर्ष नवीनीकृत किये जाते हैं। नये जैविक खेती करने वाले किसानों को एमपीसोका में पंजीयन कराना होता है।
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एक अन्य किसान ने बैठक में कहा कि वर्तमान में जैविक खेती और उत्पादों के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है। जैविक उत्पादों के प्रति लोगों में एक विश्वास उत्पन्न करना होगा। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि संभागीय हाट बाजार में जैविक पद्धति से उगाये गये अनाज, फल, सब्जी के अतिरिक्त शुद्ध मसाले, तेल इत्यादि का भी विक्रय किया जाये। एक अन्य किसान ने कहा कि वे सन 2016 से जैविक खेती कर रहे हैं। वर्तमान में उनके लगभग 100 ग्राहक हैं। जैविक खेती में धैर्य की आवश्यकता होती है। इसीलिये नये किसानों को इसमें काफी समस्याएं आती हैं।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जैविक खेती के लिये समय-समय पर ‘आत्मा’ के द्वारा किसानों के प्रशिक्षण आयोजित किये जायें। जिले में जो किसान काफी समय से जैविक खेती कर रहे हैं, उन्हें समय-समय पर अन्य राज्यों में भ्रमण के लिये ले जाया जाये। जैविक खेती के अनुभवी किसान नये किसानों को समय-समय पर मार्गदर्शन दें। साथ ही अन्य लोगों को भी जागरूक किया जाये। इसके लिये ईट राईट चैलेंज के माध्यम से भी जैविक खेती को प्रमोट किया जाये। विकास खण्डवार किसानों के परिचर्चा सम्मेलन आयोजित किये जायें।
जैविक खेती करने वाले किसानों के नवीन पंजीकरण की प्रक्रिया को और अधिक सरलीकृत किये जाने के सुझाव भी किसानों द्वारा दिये गये। एक किसान ने कहा कि डॉक्टरों के माध्यम से आमजन में जैविक उत्पाद का सेवन करने के लिये प्रेरणा का कार्य किया जाये। साथ ही स्कूलों में जाकर बच्चों को भी जैविक खेती के प्रति जागरूक किया जाये। जिला स्तर पर एक संस्था का निर्माण किया जाये, जो जैविक खेती करने वाले किसानों के प्रमाणीकरण का कार्य कर सके। जिले में एक प्रयोगशाला का निर्माण किया जाये, जहां जैविक उत्पादों की जांच हो सके।
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि आगामी 10 से 15 दिनों के अन्दर संभागीय हाट बाजार शुरू किया जायेगा। हाट बाजार में केवल जैविक खेती करने वाले किसान ही अपने उत्पादों की बिक्री कर सकेंगे। बैठक में एडीएम संतोष टैगोर, जिला पंचायत सीईओ अंकिता धाकरे, एनआरएलएम के प्रभारी अधिकारी, आत्मा के संचालक तथा किसान मौजूद थे।