Tulsi vivah 2021: तुलसी विवाह पर इस विधि से करें पूजा, शादी में आ रही बाधा होगी दूर

Pinal Patidar
Published on:
Tulsi vivah 2021

Tulsi vivah 2021 : कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन तुलसी और भगवान शालिग्राम के विवाह का उत्सव मनाया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 25 नवंबर दिन बुधवार को है। इसे देवउठनी एकादशी, देवोत्थान या देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन जगह-जगह तुलसी का विवाह किया जाता है। तुलसी विवाह का आयोजन ठीक वैसे ही होता है, जैसे वर-वधु का विवाह हिंदू रीति-रिवाज से किया जाता है।

Tulsi vivah 2021

इस दिन तुलसी के पौधे का श्रृंगार दुल्हन की तरह किया जाता है और मंगल गीत गाए जाते हैं। तुलसी विवाह के माध्यम से यह दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और इनका विवाह कन्या दान के बराबर फल की प्राप्ति होती है।

ये भी पढ़े – Chhath Puja 2021: आज है छठ पूजा, जानिए पूजा सामग्री और पूजन विधि

Tulsi Vivah Ki Katha | तुलसी विवाह कथा - Wordzz

एकादशी तिथि समापन 15 नवंबर को प्रातः 06 बजकर 39 मिनट पर होगा और द्वादशी आरंभ होगी। इस बार तुलसी विवाह 15 नवंबर 2021 दिन सोमवार को किया जाएगा।
-द्वादशी तिथि आंरभ-15 नवंबर 2021 दिन सोमवार को प्रातः 06 बजकर 39 मिनट से
-द्वादशी तिथि समाप्त – 16 नवंबर 2021 को दिन मंगलवार को सुबह 08 बजकर 01 मिनट से

Tulsi Vivah 2019: Shaligram weds Tulsi know process and auspicious time

तुलसी विवाह का महत्व
तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी के दिन होता है। इस दिन से चतुर्मास समाप्त होते हैं और तुलसी विवाह के साथ ही सभी शुभ कार्य और विवाह आरंभ हो जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन जो लोग तुलसी विवाह संपन्न करवाते हैं उनके ऊपर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है और उनके जीवन के कष्ट दूर होते हैं। तुलसी विवाह करने से कन्यादान के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है। देवी तुलसी की कृपा से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन शालीग्राम व तुलसी का विवाह होता है इसलिए महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन व सौभाग्य के लिए व्रत पूजन करती हैं।

Dev Uthani Ekadashi Puja Shubh Muhurat 2019: Ekadashi Puja Vidhi, Tulsi Vivah Ekadashi Shubh Muhurat, Dev Uthani Gyaras | देव उठनी एकादशी आज, तुलसी विवाह के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र -

ये है तुलसी विवाह के लाभ:
हिन्दू धर्म में तुलसी विवाह का आयोजन बेहद ही शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करते हैं और फिर शामिग्राम जी के साथ उनका विवाह करता हैं और साथ ही उनके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। वहीं भगवान विष्णु की इन लोगों पर विशेष कृपा बनी रहती है। बता दें तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं भी दूर होने की मान्यता है। साथ ही अगर रिश्ता पक्का नहीं हो पा रहा है, किसी न किसी कारण शादी होने में अड़चन आ रही है तो तुलसी का विवाह करना बेहद शुभ होता है। मान्यता है इससे शादी संबंधी में आ रही हर तरह की दिक्कतें दूर हो जाती हैं।

Tulsi vivah 2020 date shubh muhurat puja vidhi and vrat katha Dev Uthani ekadashi: Tulsi Vivah 2020: 25 को तुलसी विवाह, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कथा - India TV Hindi News

तुलसी विवाह की पूजा विधि
-सर्वप्रथम लकड़ी की एक साफ चौकी पर आसन बिछाकर तुलसी रखें।
-दूसरी चौकी पर भी आसन बिछाएं और उस पर शालीग्राम को स्थापित करें।
-अब उनके समीप एक कलश में जल भरकर रहें और उसमें पांच या फिर सात आम के पत्ते लगाएं।
-इसके बाद तुलसी के गमले को भलिप्रकार से गेरु से रंग दें।
-अब दोनों के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करें और रोली या कुमकुम से तिलक करें।
-इसके बाद गन्ने से मंडप बनाएं और तुलसी पर लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं।
-इसके बाद चूड़ी,बिंदी आदि चीजों से तुलसी का श्रंगार करें।
-तत्पश्चात सावधानी से चौकी समेत शालीग्राम को हाथों में लेकर तुलसी का सात परिक्रमा करनी चाहिए।
-पूजन के बाद देवी तुलसी व शालीग्राम की आरती करें और उनसे सुख सौभाग्य की कामना करें।
-पूजा संपन्न होने के पश्चात सभी में प्रसाद वितरीत करें।