लिट चौक में पत्रकारिता की पारदर्शिता पर सुमित अवस्थी के विचार, बोले ‘अब ऑफ द रिकॉर्ड का दौर ख़त्म’

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By Abhishek SinghPublished On: December 21, 2024

इंदौर में जारी लिट चौक फेस्टिवल के दूसरे दिन वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी ने शिरकत की। उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़े कई दिलचस्प किस्से साझा किए। पत्रकारिता से जुड़े सवालों का उन्होंने खुलकर जवाब दिया। सुमित अवस्थी ने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में अब पत्रकारिता में “ऑफ द रिकॉर्ड” जैसा कुछ नहीं बचा है। जो भी कैमरा या मोबाइल में रिकॉर्ड होगा, वही सबके सामने आएगा।

आज के दौर में सहजता पहले जैसी नहीं रही। अब नेता खुद को पत्रकार मानने लगे हैं, जिससे सच को सामने लाना और भी मुश्किल हो गया है। कई बातें छुपाई जाती हैं, जिनका पता लगाना आसान नहीं होता। सुमित अवस्थी ने कहा कि मौजूदा पत्रकारिता में ईमानदारी को हाशिए पर धकेल दिया गया है। सोशल मीडिया पर खबरों का कोई फिल्टर नहीं बचा है, जिससे फेक न्यूज का सिलसिला तेज़ी से बढ़ा है।

इंदौर की मिट्टी से झलकता अपनापन

सुमित अवस्थी ने कहा कि इंदौर की मिट्टी में अपनेपन और सौंधी महक का अनोखा अहसास है। यहां हर जगह मित्रता का माहौल है। उन्होंने बताया कि उनकी पढ़ाई इंदौर में हुई और यहां का अपनापन हमेशा उनके जीवन का हिस्सा रहेगा।

जब क्लास बंक करके खेला क्रिकेट

सुमित ने अपने छात्र जीवन की कुछ शरारतें भी साझा कीं। उन्होंने बताया कि उन्हें क्रिकेट का जबरदस्त शौक था। एक बार एक महत्वपूर्ण मैच के दिन वह स्कूल नहीं जाना चाहते थे, लेकिन मां ने जोर देकर भेज दिया। इसके बावजूद उन्होंने क्लास बंक कर दी और कोठारी मार्केट के एक टीवी शोरूम के बाहर खड़े होकर भारतीय टीम की बल्लेबाजी देखने लगे। ऑफिस जाते समय उनके पिता ने उन्हें वहां देख लिया। बाद में, सुमित घर तो लौटे लेकिन उस दिन उन्हें खाना नहीं मिला।

दर्शकों की बदलती सोच पर अमित सियाल का बयान

फिल्म अभिनेता अमित सियाल ने कहा कि एआई के इस युग में आने वाले पांच वर्षों में फिल्मों में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आज के दर्शक पहले से अधिक समझदार हो गए हैं और अब अच्छी कहानी और मजबूत कंटेंट को प्राथमिकता दी जाती है। अमित ने बताया कि एक्टिंग एक कला है, जिसमें शॉर्टकट का कोई स्थान नहीं है। यदि आप अच्छा काम करेंगे, तो सफलता और पैसा दोनों हासिल कर सकते हैं। एक सवाल के जवाब में अमित ने कहा कि अब मध्यप्रदेश में काफी फिल्में शूट हो रही हैं। यहां एक फिल्म इंडस्ट्री स्थापित होनी चाहिए, जिससे एक मजबूत इकोसिस्टम बन सके और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा हों।