आज गुरुवार, कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी/ पूर्णिमा तिथि है। आज भरणी नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है।
(उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
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-आज व्रत की पूर्णिमा है।
-आज काशी विश्वनाथ प्रतिष्ठा दिवस है।
-कल शुक्रवार को दिनभर पद्मक योग रहेगा। यह योग पुष्कर द्वीप में भी दुर्लभ है।
-कल कृतिका नक्षत्र है, इसलिए महाकार्तिकी वाला दिन है।
-पद्म पुराण के अनुसार किसी कल्प में कार्तिक पूर्णिमा को सन्ध्या के समय भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था।
-कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता दीपावली मनाते हैं। इसलिए इस दिन को देव दिवाली भी कहते हैं।
-निराहार (भूखे रहने) को व्रत नहीं कहते हैं। ऋग्वेद के अनुसार- विधि, आज्ञा पालन, कर्त्तव्य, धार्मिक, नैतिक व्यवहार, आचरण, उपासना, पवित्र और गम्भीर संकल्प तथा संयम – नियम आदि को व्रत कहते हैं।
-गुरु, शुक्र तारा के अस्त होने पर, अधिक मास में, अशौच होने पर, अमावस्या, निषेध तिथियों में व्रत का आरम्भ नहीं करना चाहिए और ना ही उद्यापन करना चाहिए।
विजय अड़ीचवाल