भारत देश काई सारे रहस्यों से भरा हुआ है. देश में हर दिन कुछ नई जानकारी मिलती रहती है. वहीं भारत में ऐसे कई मंदिर मौजूद जो काफी रहस्मय है. आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. इस मंदिर में कुछ ऐसी अद्भुत शक्तियां है की यह बड़े से बड़े जहाज को अपनी तरफ खींच लेता है.
दरअसल, इस मंदिर का नाम कोणार्क के सूर्य मंदिर है. यह भारत के उन मंदिरों में से एक है, जो उड़ीशा में जगन्नाथ पुरी से 35 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में कोणार्क शहर में स्थित है. कोणार्क मंदिर पनी पौराणिकता और आस्था के लिए विश्व भर में मशहूर है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 1984 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है. कोर्णाक मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किए गए सूर्य भगवान के साक्षात दर्शन करने का सौभाग्य कम ही लोग को मिल पाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में 52 टन का विशालकाय चुंबक लगा हुआ था.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंदिर के शिखर पर करीब 52 टन का चुंबक पत्थर लगा हुआ था. यह विशाल चुंबक समुद्र की कठिनाईयों को कम करता था. एक समय ऐसा भी था जब मंदिर का मुख्य चुंबक अन्य चुंबकों के साथ इस तरह की व्यवस्था से सजाया हुआ था कि मंदिर की मूर्ति हवा में तैरती हुई नजर आती थी.
ऐसा बताया गया है कि यह विशाल चुंबक एक समय के बाद समस्या पैदा करने लग गया था. चुंबकीय शक्ति इतनी तेज थी कि पानी के जहाज मंदिर की तरफ खींचे चले आते थे. अंग्रेजों के काल में जब उन्हें नुकसान होने लगा, तो उन्होंने मंदिर के अंदर लगे इस चुंबक को निकाल दिया। लेकिन इससे जो हुआ, उसका किसी को अनुमान नहीं था.
दरअसल, मंदिर चुंबकीय शक्ति की व्यवस्था के हिसाब से बनाया गया था. जिसके बाद चुंबक को निकालने की वजह से मंदिर का संतुलन बिगड़ गया और मंदिर की कई दीवारें लगीं।