भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग खाने का ध्यान नहीं रख पाते है ऐसे में समय पर नहीं खाने और बाहर का खाने से पेट से सम्बंधित कई बीमारियां हो जाती है जिसे हम ऐसे ही हलके में लेकर छोड़ देते है जो बाद में हमें काफी गंभीर बिमारियों से जकड़ देती है , जरुरी नहीं लिवर की बीमारी सिर्फ शराब पिने वाले लोगो को ही हो नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर बीमारी में लिवर में अतिरिक्त फैट जमा होने लगता है. शराब न पीने वालों में यह बीमारी पाई जाती है, इसीलिए इसे नॉन अल्कोहलिक भी कहते हैं. कभी कभार शराब पीने वालों को भी यह बीमारी अपनी चपेट में ले सकती है.
क्या होता है नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज ?
तब आपके लिवर में फैट जमा होने लगता है तब गैस्ट्रो संबंधित कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं. इसका मतलब यह बीमारी पेट और पाचन से जुड़ी समस्याएं बढ़ाती हैं. अगर समय रहते इसका इलाज न कराया जाए तो इससे लिवर डैमेज भी हो सकता है. इतना ही नहीं नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से सिरोसिस बीमारी का जोखिम भी हो सकता है. इसलिए समय रहते ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
फैटी लिवर के संकेत
पेट फूलना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नॉन फैटी लिवर डिजीज में ब्लॉटिंग या पेट फूलना आम समस्या है। वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी के अनुसार, सिरोसिस के जितने भी मामले आते हैं, उनमें 80 फीसदी में यही बीमारी पाई जाती है. जब एब्डोमिनल केविटी में फ्लूड जमा होने लगता है, तब ब्लॉटिंग होने लगती है. समय पर इलाज न किया जाए तो इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.
पेट में दर्द
नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज की वजह से पेट में दर्द होने लगता है. इसमें पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होने लगता है. यह बीमारी चुपके से आपकी बॉडी में घुसती है और काफी दर्द देती है. पेट दर्द के साथ पेट में ऐंठन या मकोड़ भी उठने लगता है. जब स्थिति गंभीर हो जाती है, तब बेचैनी और भूख नहीं लगती है. एक रिसर्च के अनुसार, नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज में गैस्ट्रोएसोफेगल रिफलक्स के लक्षण भी मिलते हैं. इस स्थिति में पेट में गैस बनने लगती है, पाचन सही से नहीं होता है, हर् टबर्न और डकार जैसी समस्याएं भी होने लगती है. जब आपका खाना नहीं पचता, तब इसमें गैस्ट्रिक जूस मिल जाता है और वह पेट के ऊपरी हिस्से में आने लगता है. ऐसे में लगता है कि खाना मुंह में वापस आ रहा है.
पेट में भारीपन
इस बीमारी में पेट में भारीपन महसूस होता है लेकिन स्टूल पास नहीं हो पाता है. इसका मतलब डाइजेशन सही-सही नहीं हो पाता है और बेचैनी बढ़ने लगती है. जब ये लक्षण साथ दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.