मध्यप्रदेश के मौसम ने बुधवार को एक बार फिर अपने तेवर बदल लिए हैं। प्रदेश के कई हिस्सों में आंधी तूफान के साथ तेज वर्षा हुई। भोपाल, सीहोर, रायसेन समेत चंबल, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर, सागर, संभाग, इंदौर, संभाग के जिलों में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी के साथ साथ कहीं क्षेत्रों में तेज बरसात दर्ज हुई है। जबकि अन्य इलाकों में मौसम काफी शुष्क भी रहा। बुधवार को प्रदेश के राजगढ़ जिले में अधिकतम टेंपरेचर 39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया हैं। जबकि सबसे कम न्यूनतम टेंपरेचर12.7 डिग्री सेल्सियस मलाजखंड में दर्ज हुआ है।
मौसम एक्सपर्ट्स ने बताया है कि राजस्थान पर बना पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी मध्यप्रदेश तक पहुंच गया है। वहीं इसी के साथ हवा का रुख भी अभी दक्षिणी एवं दक्षिण-पूर्वी बना हुआ है। अरब सागर से हवाओं के साथ आ रही नमी के कारण प्रदेश में बरसात के हालात बने हुए हैं। यही नहीं, गुरुवार को एक नया पश्चिमी विक्षोभ भी उत्तर भारत को प्रभावित करने लगेगा। इस प्रभाव के कारण पूरे प्रदेश में गरज-चमक के साथ वर्षा होने के प्रबल आसार बने हुए है। इसी कहीं-कहीं जगहों पर ओले भी गिर सकते हैं।
वहीं, मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक 20 मार्च तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। साथ ही जिलों में तेज आंधी के साथ ओले गिरने का भी अनुमान जारी किया गया है। साथ ही कुछ स्थानों पर बिजली भी गिर सकती है।
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इन जिलों के लिए जारी की गई चेतावनी
मौसम विभाग ने प्रदेश के 25 से भी अधिक जिलों में तेज बारिश और साथ ही ओलावृष्टि की चेतावनी भी जारी की है। जबलपुर, रीवा, चंबल, इंदौर, नर्मदापुरम संभाग के जिलों के साथ ही दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, सीहोर, पन्ना, सागर, शाजापुर, दमोह, छतरपुर, देवास, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, मंडला, दमोह, पन्ना जिलों में तेज वर्षा का अनुमान जारी किया है।
साथ ही आम जनजीवन ज्यादा प्रभावित न हो इसलिए सावधानी जरूर बरतें
मौसम वैज्ञानिकों ने मौसम में अकस्मात हुए परिवर्तन के विषय में नागरिकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के सुझाव भी दिए गए हैं। बिजली चमकने गरजने की स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक और बिजली के उपकरणों का उपयोग न करें। दो-पहिया वाहनों का उपयोग ना करें, पेड़ों के नीचे आश्रय न लें, बिजली गिरने के समय में पानी से दूर रहें।