खान नदी का पानी क्षिप्रा में न मिले, इसलिए कच्चे डेम का हो रहा निर्माण

Piru lal kumbhkaar
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उज्जैन। मध्य प्रदेश शासन के जल संसाधन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग मंत्री श्री तुलसी सिलावट, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, श्री विवेक जोशी, कलेक्टर श्री आशीष सिंह आदि जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने संयुक्त रूप से भ्रमण कर पिपल्याराघौ के समीप बनने वाले खान नदी पर कच्चा डेम तथा त्रिवेणी शनि मन्दिर के समीप खान नदी पर बनने वाले कच्चे डेम का अवलोकन कर सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस अवसर पर मंत्रीद्वय ने अवलोकन के दौरान कहा कि खान नदी का खराब पानी शिप्रा नदी में न मिले, इस सम्बन्ध में शासन द्वारा ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। इस हेतु सरकार द्वारा विस्तृत योजना तैयार कर ठोस समाधान किया जायेगा। खान नदी के खराब पानी को शिप्रा नदी में रोकने के लिये पंथपिपलई से त्रिवेणी के बीच दो या तीन पक्के डेम का निर्माण करने के निर्देश मंत्रीद्वय ने सम्बन्धित अधिकारियों को दिये हैं। मंत्रीद्वय को जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री ने कच्चे डेम निर्माण के बारे में विस्तृत जानकारी से अवगत कराया।

 

मंत्रीद्वय ने कहा कि साधु-सन्तों की इच्छा एवं उनकी भावना अनुसार शिप्रा नदी में खान नदी का खराब पानी न मिले, इसके लिये भविष्य में खान नदी पर दो-तीन स्थानों पर पक्के डेम बनाये जायेंगे, ताकि शिप्रा नदी में खान का खराब पानी न मिल पाये। अभी तक स्नान एवं विभिन्न पर्वों पर शिप्रा नदी में खान का खराब पानी न मिले, इसके लिये परम्परागत तरीके से कच्चा पाला मिट्टी का बांधकर पानी को रोका जा रहा था। अब भविष्य में स्थाई निदान के लिये कच्चे डेम के बदले पक्के डेम के निर्माण के लिये राज्य शासन के दिशा-निर्देश अनुसार ठोस कदम उठाये जायेंगे। भविष्य में गन्दा पानी न मिले, इसका समाधान उच्च स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। खान नदी का खराब पानी शिप्रा में मिलने की निरन्तर शिकायत आने पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में जल संसाधन विभाग एवं अन्य सम्बन्धित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को निरीक्षण के लिये भेजा गया था। दो स्थानों पर मिट्टी के कच्चे डेम अवलोकन के दौरान मंत्रीद्वय ने सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अधूरा कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाये, ताकि खान नदी के खराब पानी को शिप्रा नदी में आने से रोका जा सके।