घर के प्रवेश द्वार पर करें ये खास उपाय, दूर होंगी हर नकारात्मक ऊर्जा, घर में आएगी बरकत और शांति

भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर तोरण, घोड़े की नाल, स्वस्तिक, विंड चाइम और शुभ यंत्र या मूर्ति लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। ये उपाय सुख, शांति और समृद्धि को भी आकर्षित करते हैं।

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भारतीय संस्कृति में घर के मुख्य द्वार को केवल प्रवेश द्वार नहीं, बल्कि ऊर्जा के आगमन और वातावरण की शुद्धता का मुख्य स्रोत माना जाता है। वास्तुशास्त्र और धर्मशास्त्र दोनों में इस बात पर विशेष जोर दिया गया है कि यदि मुख्य दरवाज़े पर कुछ विशेष वस्तुएं उचित ढंग से लगाई जाएं, तो यह न केवल घर को नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखती हैं, बल्कि सुख, शांति और समृद्धि को भी आमंत्रित करती हैं।

आइए जानते हैं वे पांच विशेष वस्तुएं जो मुख्य द्वार पर लगाने से घर का वातावरण शुभ और ऊर्जावान बना रहता है…

तोरण

मुख्य दरवाज़े पर तोरण लटकाना भारतीय परंपरा का एक पवित्र और सुंदर अंग है। यह तोरण आमतौर पर आम या अशोक के हरे पत्तों तथा गेंदे के फूलों से बनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को घर के अंदर आने से रोकता है और सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करता है। साथ ही, तोरण घर में त्योहार जैसा माहौल और आनंद की अनुभूति कराता है। यह न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से बल्कि सौंदर्य की दृष्टि से भी घर की शोभा बढ़ाता है।

घोड़े की नाल

काले घोड़े की नाल को शुभता का प्रतीक माना जाता है, खासकर जब इसे ‘U’ आकार में मुख्य दरवाज़े के ऊपर लगाया जाए। वास्तु और फेंगशुई दोनों में इसका उपयोग घर को बुरी नज़र, नकारात्मक ऊर्जा और दुष्ट शक्तियों से बचाने के लिए किया जाता है। इसे लगाने से घर में धन का आगमन होता है और समृद्धि बढ़ती है। ध्यान देना जरूरी है कि घोड़े की नाल को सही दिशा और ऊँचाई पर लगाया जाए, तभी इसका पूर्ण लाभ मिलता है।

स्वस्तिक

स्वस्तिक हिन्दू संस्कृति का अत्यंत पूजनीय और शुभ प्रतीक है। इसे मुख्य द्वार के दोनों ओर अथवा दरवाज़े के ऊपर लाल कुमकुम या सिंदूर से बनाया जाता है। स्वस्तिक घर में सकारात्मकता, समृद्धि और शांति के संचार में सहायक होता है। यह चिन्ह नकारात्मक शक्तियों को बाहर ही रोक देता है और परिवार के सदस्यों के जीवन में सौभाग्य लेकर आता है।

विंड चाइम

मुख्य द्वार पर टंगी विंड चाइम न केवल एक सजावटी वस्तु है, बल्कि इसका मधुर संगीत वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है। धातु या बांस से बनी यह पवन घंटी जब भी हवा से टकराती है, तो उसकी खनकती आवाज़ मन और मस्तिष्क को शांत करती है। वास्तु के अनुसार, यह ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और मानसिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होती है।

शुभ यंत्र या मूर्ति

मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की छोटी प्रतिमा या देवी लक्ष्मी का कोई शुभ यंत्र स्थापित करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, जो घर में आने वाली रुकावटों को समाप्त करते हैं, जबकि माता लक्ष्मी धन-धान्य और समृद्धि प्रदान करती हैं। यह यंत्र या मूर्ति हमेशा स्वच्छ और पूजनीय स्थिति में होनी चाहिए, जिससे देवी-देवताओं की कृपा बनी रहे।

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