कपड़ों की महक में दादी के लिए चमकी “सुई” की कहानी

Share on:

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक सुई बड़ी ही अद्वितीय थी। वह सुई गरीब एकलौते बुढ़िया की मालिका थी। गाँव के लोग उसे “कपड़े सीने वाली सुई” कहकर पुकारते थे।

यह सुई काम के मामले में बेहद प्रतिष्ठित थी। उसकी सिलाई कौशल से गाँव के लोग कपड़ों की सुन्दर और मजबूत सिलाई कर सकते थे। वह गरीब और अकेली बुढ़िया के लिए सुई उसकी जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीज़ थी, जिसके बिना उसका जीवन अधूरा था।

एक दिन, गाँव में एक बड़ा मेला आया, और कपड़े वस्त्र विभाग में विभिन्न प्रकार के कपड़ों का प्रदर्शन हो रहा था। सुई भी उस मेले में जाने का सपना देख रही थी। बुढ़िया ने उससे कहा, “बिल्कुल जा, मेरे लिए भी कुछ सुंदर कपड़े लेकर आना।”

सुई खुशी-खुशी मेले चली गई, और वह अपनी सिलाई कौशल से सबसे खूबसूरत कपड़ों का चयन किया। उसने बुढ़िया के लिए वो कपड़े खरीदे जो उसके बजट में थे, लेकिन वो सबसे अच्छे थे।

मेले के बाद, जब वह गाँव लौटी, बुढ़िया बहुत खुश थी और उसकी सिलाई की सराहना की। वह कहीं भी बड़े बजट के कपड़ों की तरह नहीं महसूस कर रही थी, बल्कि उसे अपनी सुई की महत्वपूर्ण भूमिका का अंदाजा था।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हर छोटी चीज़ महत्वपूर्ण होती है और हमारे जीवन में अद्वितीयता और समर्पण का महत्व होता है। सुई ने अपनी सिलाई कौशल के साथ बुढ़िया के लिए एक अनमोल तोहफा प्रदान किया और उसके जीवन को सुंदरता से भर दिया। यह हमें याद दिलाती है कि हमें अपने काम को महत्वपूर्णीयता देनी चाहिए, चाहे वो कितनी भी छोटी क्यों ना हो।