भारत में रसोई गैस की खुदरा कीमतों में अप्रैल 2020 की तुलना में 41 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि, इस दौरान वैश्विक बाजार में एलपीजी के मानक अनुबंध का भाव तीन गुना हो गया। सरकार द्वारा राज्यसभा में दी गई एक जानकारी के अनुसार इस दौरान एलपीजी (लक्विडि पेट्रोलियम गैस) के वैश्विक बाजार के मानक सऊदी अनुबंध का मूल्य अप्रैल 2020 के 236 डॉलर प्रति टन के मुकाबले जुलाई 2022 में 725 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया। यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमत में 203 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
इसी दौरान भारत में 14.2 किलो के घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम 41.5 प्रतिशत बढ़े और इसका भाव 744 रुपये से बढ़कर 1,053 रुपये पर पहुंच गया। एक प्रश्न के लिखित जवाब में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि सरकार ने एलपीजी की प्रभावी घरेलू कीमतों को संशोधित किया है।
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इन्हें मिलेगी सब्सिडी
उज्जवला योजना के तहत गरीबों को दिए गए एलपीजी कनेक्शनों में महामारी के दौरान तीन सिलेंडर मुफ्त में भरे गए थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने उज्जवला कनेक्शन रखने वालों के लिए 200 रुपये की सब्सिडी की घोषणा की है। यह सब्सिडी चालू वत्ति वर्ष में 12 सिलेंडरों पर दी जाएगी। पुरी ने कहा कि सरकार ने उज्जवला योजना के अंतर्गत वत्ति वर्ष 2019-20 में 3,724 करोड़ रुपये, वत्ति वर्ष 2020-21 में 9,235 करोड़ रुपये और वत्ति वर्ष 2021-22 में 1,569 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।